तन और मन को दुरूस्त रखने के लिए रोजाना योग जरूर करना चाहिए। आज के टाइम में एक बड़ी आबादी सिटिंग जॉब करती है और इसमें लगभग 8-9 घंटे कुर्सी पर बैठकर बिताने पड़ते हैं। इस वजह से कंधे, गर्दन में स्टिफनेस, पीठ, कमर और पैरों में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती है। ऑफिस जॉब वालों में सर्वाइकल पेन और बिगड़े हुए बॉडी पोस्चर की समस्या काफी ज्यादा देखने में आती है। इन हेल्थ प्रॉब्लम से बचाव के लिए रोजाना फिजिकल एक्टिविटी के लिए 30 से 40 मिनट जरूर निकालने चाहिए।

ज्यादातर लोगों का कहना होता है कि उनका रूटीन ऐसा है कि समय की कमी के चलते वर्कआउट या फिर योगासन करना पॉसिबल नहीं होता है।अगर आप योग करना शुरू करना चाहते हैं तो आप चेयर योग कर सकती हैं।चेयर योगा न केवल आसान है, बल्कि इसे ऑफिस, घर या किसी भी बैठने की जगह पर किया जा सकता है रोजाना इन चेयर योगासन को करने से न सिर्फ पेट की चर्बी घटती है, बल्कि रक्त संचार बेहतर होता है, पीठ दर्द कम होता है और शरीर में ऊर्जा भी बनी रहती है।इसलिए अगर आप भी उन लोगों की लिस्ट में शामिल हैं जो योग न करने के पीछे अक्सर समय न होने का बहाना बनाते हैं तो भी आप कुर्सी पर बैठकर कहीं भी और कभी भी इसे आसानी से कर सकती हैं। इस आर्टिकल में जानेंगे ऐसे योगासन के बारे में जो की कुर्सी पर बैठेकर भी किए जा सकते हैं। इससे काफी फायदा होता है।
कुर्सी योग क्या है? (What is chair yoga?)

चेयर योग, सहज और आरामदायक तरीके से योगाभ्यास करने का एक लचीला तरीका है। यह योग शैली पारंपरिक योगासनों को कुर्सी पर बैठकर या कुर्सी को सहारा देकर करने के लिए संशोधित करके उन्हें सरल बना देती है।यह लचीलेपन, ताकत और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक कम प्रभाव वाला, सुलभ तरीका प्रदान करता है।
कुर्सी योग (Chair Yoga)
इस योग को करने वालों में सबसे ज्यादा तादाद सीनियर सिटीजन या मोटापे से प्रभावित लोगों की है। इसके अलावा ऐसे लोग जिन लोगों को न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हैं, वह भी आसानी से इस योग को अपना सकते हैं। इसके अलावा ऑफिस में डेस्क जॉब करने वाले ऐसे लोग जिन्हें 8 या उससे ज्यादा घंटे तक कुर्सी पर बैठकर काम करना पड़ता है, वह भी दिन में सिर्फ 15 मिनट तक चेयर योग का अभ्यास करके थकान को दूर भगा सकते हैं।
गर्दन को सर्कुलेशन मोशन में घुमाएं (Move the Neck in a Circular Motion)

अगर आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं तो सबसे पहले गर्दन के लिए आसन करें। ऐसा आप ऑफिस का काम करते हुए भी बीच-बीच में गर्दन को सर्कुलेशन मोशन में हिलाते हुए कर सकते हैं। यह एक्सरसाइज आपकी गर्दन में महसूस होने वाली अकड़न को ठीक करने में मदद करेगी।
चेयर गोमुखासन (Chair Gomukhasana )

कुर्सी पर बैठकर आप गोमुखासन कर सकते हैं जो पोस्चर को सुधारने में मदद करता है। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए सही मुद्रा में बैठ जाएं और दाएं हाथ को ऊपर उठाकर कोहनी को मोड़ते हुए पीछे लाएं, वहीं बायां हाथ नीचे की तरह से पीछे ऊपर की ओर ले जाएं और दोनों हाथों को आपस में पकड़ें।
चेयर मंडूकासान (Chair Mandukasana)
कुर्सी पर बैठकर आप मंडूक आसन भी कर सकते हैं। इसके लिए सांस को अंदर खीचें और फिर दोनों हाथों से मुट्ठी बनाकर पेट में नाभी के पास लगाते हुए पेट को अंदर की ओर दवाएं। गर्दन को झुकाते हुए चिन से घुटनों को छूने की कोशिश करें। थोड़ी देर होल्ड करें और फिर उपर की ओर उठते हुए सांस छोड़ें। आप चाहें तो कुर्सी पर पैर फोल्ड करके मंडूक आसान का पोज बना सकते हैं।
चेयर कैट-काउ स्ट्रेच (मार्जरी आसन) (Seated Cat-Cow Stretch)

यह पोज़ रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बेहतर बनाने और पेट के अंगों को उत्तेजित करने में मदद करता है। इसे करने के लिए सीधे बैठें और अपने पैरों को ज़मीन पर सपाट रखें। सांस लें, पीठ को मोड़ें (गाय मुद्रा), छाती को ऊपर उठाएं और ऊपर की ओर देखें। सांस छोड़ें, पीठ को गोल करें (बिल्ली मुद्रा), ठोड़ी को छाती से सटाएं। इसे कई बार दोहराएँ।
बैठे हुए आगे की ओर झुकें (पश्चिमोत्तानासन) (Seated Forward Bend)

यह मुद्रा पीठ और हैमस्ट्रिंग को फैलाने के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्रदान करती है। इसे करने के लिए अपने पैरों को एक साथ रखकर बैठें और उन्हें जमीन पर सपाट रखें। सांस लें, रीढ़ को लंबा करें और सांस छोड़ते हुए कूल्हों से झुकें।अपने हाथों को पैरों की ओर ले जाएं और कुछ समय के लिए इसी स्थिति में रहें।
बैठे हुए साइड बेंड (Seated Side Bend)

इस आसन से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन और शरीर के किनारों में खिंचाव बढ़ता है। इसे के लिए अपने पैरों को जमीन पर सपाट रखकर बैठें। दायां हाथ ऊपर उठाएं और बाईं ओर झुकें, बायां हाथ जमीन की ओर बढ़ाएं। दाएं हिस्से में खिंचाव महसूस करें और कुछ समय के लिए रुकें।
प्राणायाम (Pranayama)
चेयर योग में प्राणायाम आसानी से किया जा सकता है। प्राणायाम में आप कलापभाति, अनुलोम विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम कर सकते हैं। प्राणायाम को फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर के अंदर प्राण ऊर्जा बढ़ती है। नियमित रुप से प्राणायाम करके कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
कुर्सी योग के फायदे (Benefits of Chair Yoga)
- इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में कई लाभ देखे गए हैं।
- यह जोड़ों की जकड़न को कम करता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और लचीलापन बढ़ाता है।
- सांस लेने की तकनीकों के जरिए यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।
- हृदय संबंधी समस्याओं को दूर कर उसे स्वस्थ बनाने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी कुर्सी योग प्रभावी है।
कुर्सी योग अभ्यास से पहले कुछ सामान्य बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

- इसके लिए बिना पहियों वाली मजबूत कुर्सी का चुनाव करें।
- इसके लिए एक मजबूत सीट वाली कुर्सी चुनें, जो ज्यादा गद्देदार न हो।
- कुर्सी की पीठ सीधी होनी चाहिए और उसकी ऊंचाई ऐसी होनी चाहिए कि पैर जमीन पर सपाट रख सकें।
- धीरे-धीरे शुरू करें और धीरे-धीरे आसन की अवधि और तीव्रता बढ़ाएं।
- सप्ताह में 2-3 बार 20-30 मिनट का अभ्यास भी पर्याप्त लाभ दे सकता है।
यदि आपको कोई चोट या चिकित्सा स्थिति है, तो कुर्सी योग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद !
रीना जैन
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