Yoga Nidra

Yoga Nidra: अनिद्रा, तनाव और चिंता को दूर करती है

योग के अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। योग निद्रा इस ऊर्जा का संरक्षण और नियंत्रण करती है। इससे तन और मन को आराम मिलता है। योग निद्रा लेने से व्यक्ति प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करने के लिए तैयार होता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि योगासन के बाद अभ्यासी को योग निद्रा के लिए उचित समय निकालना चाहिए। योग निद्रा, योग श्रंखला में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है।योग निद्रा के कुछ ही मिनट के अभ्यास की मदद से आप घंटों के बराबर नींद लेने पर मिलने वाला आराम पा सकते हैं। इस लेख में हम बात करेंगे कि योग निद्रा क्या है?, इसे कैसे करें? इसका क्या लाभ है? तो आइए जानते हैं योग निद्रा के बारे में।

योग निद्रा क्‍या है? (What is Yoga Nidra?)

योगनिद्रा एक प्रकार की आध्यात्मिक (Yogic Sleep) नींद है । अंग्रेजी में इसे क्रॉप्स और डी.आर.टी कहते है , डी.आर.टी का मतलब डीप रिलैक्सेशन टेक्नीक (Deep Relaxation Technique) से है। यह वह नींद है, जिसमे इंसान सोता तो है पर उसकी सारी इन्द्रियाँ जाग्रत अवस्था में रहती है , इसे ऐसा समझा जा सकता है जैसे “जागते हुये सोना” , सोने व जागने के बीच की स्थिति को ही योग निद्रा कहा जाता है | इसे स्वप्न और जागरण के बीच ही स्थिति मान सकते हैं | यह झपकी जैसा है या इसमें व्यक्ति अर्धचेतन स्थिति में होता है। देवता इसी निद्रा में सोते हैं ऐसी मान्यता पुराणों में है |

योग निद्रा करने का तरीका (How to do Yoga Nidra?)

  • योग निंद्रा आसन को करने के लिए आप किसी खुले स्थान का चयन करें जहाँ पर आपको ताजी हवा मिले और जिस स्थान पर शांति हो, ज्यादा शोर न हो, ना वहां कोई आपके आसन में बाधा डालने वाला हो।
  • योगा मैट या चटाई बिछाकर जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब अपनी आंखें बंद करें और गहरी सांस-लेते हुए एक सामान्‍य अवस्‍था में आएं।अपने सभी शारीरिक अंगों को ढीला छोड़ दें और हथेलियों को आसमान की तरफ रखें। 
  • अब अपने मन मे चलने वाले सभी विचारों को शांत करने की कोशशि करें, अब आप अपने दाएं पैर के पंजों यानि उंगलियों पर कुछ सेकंड के लिए ध्‍यान केंद्रित करते हुए अपने घुटनों, जांघों, पेट और शरीर के सभी अंगो, यहां तक कि सासों पर भी सचेत अवस्‍था में ध्‍यान लगाएं। 
  • अब ठीक ऐसा ही बाएं पैर के साथ भी करें।ऐसे करते-करते आपको अपना ध्यान शरीर के सभी भागों जैसे- हाथ, छाती, कंधे, नाभि, जननांग, गला, कमर, सिर आदि पर ले जाकर कुछ देर संवेदनाएं महसूस करते रहना है।
  • अब अपने आसपास के वातावरण को महसूस करें और गहरी सांस लें। 
  • सांस भरने और छोड़ने के दौरान मन में विचार करें कि आप जो ताजी हवा अपने अंदर भर रहे हैं वो आपके शरीर में एक नई ऊर्जा ला रही है. और जो सांस आप छोड़ रहे हैं, उसके साथ शरीर के सारे दर्द, तनाव और विकार बाहर निकल रहे हैं।
  • योगनिद्रा समाप्त करने के पहले अपने आराध्य का ध्यान कर व अपने संकल्प को 3 बार अंदर ही अंदर दोहराए। लेटे ही लेटे बंद आंखों में तीन बार ॐ का उच्चारण करिए। फिर दोनों हथेलियों को गरम करके आंखों पर लगाएं व पांच बार सहज सांस लीजिए। अब अंदर ही अंदर देखिए आपका शरीर, मन व मस्तिष्क तनाव रहित हो गया है। आप स्वस्थ व तरोताजा हो गए हैं। 

समय : सुबह या शाम के समय जब पेट खाली हो वह-वक़्त योगनिद्रा के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है योग निद्रा 10 से 45 मिनट तक की जा सकती है। 30 मिनट की योग निद्रा तीन घंटे की नींद के समान होती है। आप इसका अभ्यास पूरे दिन में अपनी सुविधानुसार 1-2 बार कर सकते हैं।

योग निद्रा के फायदे (Health Benefits Of Yoga Nidra) 

  • योग निद्रा करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • इस आसन को सही तरह से करने से दिमाग तेज होता है।
  • यदि आप अनिद्रा या नींद में गढ़बड़ी से परेशान हैं, तो योग निद्रा आपको बेहतर नींद पाने में मदद करेगा।  
  • शवासन नियमित करने से गंभीर रोग जैसे उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी आदि नहीं होता।
  • मन शांत रहता है और घबराहट दूर हो जाती है, चेतना विकसित होती है।
  • योग निद्रा करने से मानसिक बीमारियां नहीं होती।
  • यह आसन आपके शरीर के सभी दर्दो को दूर करने और थकान को दूर करने में मदद करता है। 
  • यह आपकी नकारात्‍मक सोच, आदतों और व्‍यवहार को बदलने में भी सहायक है। इस आसान करने से आप अच्‍छा महसूस करेंगे। 
  • योग निद्रा महिलाओं की माहवरी की तकलीफों से निजाद दिलवाता है। माहवरी के पूर्व होने वाली समस्याएं जैसे मनोदशा में बदलाव, तनाव, पेट दर्द आदि से छुटकारा देता है। 

सावधानी (Caution)

योग निद्रा के समय निम्न बातों का ध्यान दें।

  • ध्यान रखे योग निद्रा करते समय आपके आँखे बंद होनी चाहिए।
  • कोशिस करें की योग निद्रा के दौरान आप नींद में न जाएँ और शरीर को किसी भी तरह हिलाना नहीं है।
  • नकारात्मक ध्यान आपके मन में नहीं होने चाहिए, केवल अपने सांसो पे ध्यान रखे।
  • योगासन एवं योग निद्रा के पूर्व भर पेट भोजन नही करना चाहिए।
  • योग क्रियाओं के भाति ही योग निद्रा का अभ्यास भी खाने के तुरंत बाद नही करना चाहिए।  
  • प्रारंभ में यह किसी योग विशेषज्ञ से सीखकर करें तो अधिक लाभ होगा। 

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

                                                                                                                                                                              रीना जैन

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