कब्ज के कारण और घरेलू उपाय (Constipation Cause and Home Treatment in Hindi)

कब्ज क्या है ? (What Is Constipation in Hindi?)

What Is Constipation? | Causes, Treatment, Symptoms

सम्पूर्ण जीवन काल में कब्ज (Constipation) कभी ना कभी हर एक व्यक्ति को होती है | आयुर्वेदा में यह बताया गया है पेट ही हमारी सारी बीमारियों की जड़ है अगर हमारा पेट साफ रहता है तो अनेकों रोग हमसे दूर रहते हैं, और अगर यहीं पर ठीक से साफ ना हो तो हमें कई बीमारियां सामना करना पड़ता है कॉन्स्टिपेशन पाचन तंत्र से जुड़ी एक गम्भीर समस्या है यह समस्या किसी को भी, किसी भी आयु में हो सकती है। कभी यह कुछ समय के लिए होती है, तो कभी लंबे समय तक चलती है।पेट में खाने का पचना और वेस्ट हुआ पदार्थ पेट से बाहर निकलना यह हमारे शरीर का बहुत ही बेसिक  प्रोसेस होता है। खाना खाने के बावजूद कुछ लोगों का 2 दिन 3 दिन पेट साफ नहीं हो पाता। मल (Stool) का कठोर होना, मल का त्याग करते समय दर्द होना और पेट का पूरी तरह से साफ ना होना । मलत्याग करते समय जब आसानी से मल गुदा मार्ग से न निकले उस स्थिति को कब्ज कहते हैं।

कब्ज के कारण (Causes of Constipation in Hindi)

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अनियमित दिनचर्या और खान-पान के कारण कब्ज की समस्या होना आम बात है। भोजन के बाद बैठे रहने और रात के खाने के बाद सीधे सो जाने जैसी आदतें कब्ज के लिए जिम्मेदार होती हैं। कब्ज की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, जिसके काफी सारे कारण हो सकते हैं।आमतौर पर, पेट की यह समस्या निम्नलिखित कारणों से ही होती है-

  • शारिरिक श्रम नही करना- इस रोग का बड़ा कारण होता है | यदि कोई व्यक्ति शारीरिक गतिविधियाँ पर्याप्त मात्रा में नहीं करता है, तो उसे कब्ज होने की संभावना काफी अधिक रहती है। शारीरिक गतिविधि हमारे चयापचय को उच्च रखती है, जिससे हमारे शरीर में प्रक्रियाएं अधिक तेजी से होती है।
  • कच्चा, बासा या अप्राकृतिक आहारलेने से कब्ज होना निश्चित है |
  • अधिक मात्रा में डेयरी उत्पादों का सेवन करना- कब्ज होने की संभावना ऐसे लोगों में अधिक रहती है, जो डेयरी उत्पादों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं। प्रात:काल चाय, काफ़ी का सेवन कब्ज का बड़ा कारण होता है |
  • पर्याप्त मात्रा में पानी व द्रव्य पदार्थों का कम सेवन- पानी हमारे शरीर को डिहाइड्रेट से बचाने के साथ-साथ एनर्जी भी देता है, ।फाइबर को बेहतर तरीके से काम करने के लिए पानी और अन्य तरल पदार्थों की जरूरत होती है।जैसे प्राकृतिक रूप से मीठे फल, सब्जियों का रस और सूप इत्यादि।इससे मल नरम होकर आसानी से पास हो जाता है।
  • अधिक भोजन- ज़रूरत से अधिक भोजन करना भी कब्ज का बड़ा कारण होता है।  
  • तनाव- मानसिक तनाव, चिंता, क्रोध या शोक की अवस्था में भोजन करना कब्ज़ का मुख्य कारण है।तनाव के दौरान व्यक्ति उचित आहार और पर्याप्त पानी का सेवन नहीं करता और व्यायाम भी नहीं करता, जिस कारण कब्ज हो सकता है।
  • नींद- पूरी नही ले पाने वाले लोगो को कब्ज की अधिक शिकायत देखी जा सकती है | पर्याप्त नींद न लेने के कारण पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता और कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • हेल्थ सप्लीमेंट्स व दवाईयों से-  जब कोई बीमार होता है तो उसे दवाईयां खानी पडती हैं जिसकी अधिकता से भी उन्हें कब्ज की समस्या हो सकती है क्योंकि दवाईयों की अधिकता से मल कड़ा हो जाता है।मुख्य रूप से आयरन और कैल्शियम के सप्लीमेंट कब्ज का कारण बन सकते हैं।

कब्ज के लक्षण (Symptoms of Constipation in Hindi)

  • यदि सप्ताह में3-4 बार से कम मल त्याग करते हैं तो यह कब्ज का लक्षण होता है ।
  • जिस व्यक्ति को कब्ज रहती है उसका पेट हर समय भारीपन लिए हुए रहता है| शरीर में भारीपन रहना सिर में भारीपन के साथ साथ दर्द होना |
  • मुंह में छाले हो जाना मुंह से बदबू आना |
  • गैस अधिक बनना पेट फूलना अर्थात अफारा आना |
  • मल का सुखा और कठोर रूप में आना|शौच के बाद लगना कि पेट साफ नहीं हुआ,पेट में मरोड़ पड़ना लंबे समय तक शौचालय में बैठना।
  • जीभ का रंग सफ़ेद या मटमैला हो जाना |
  • सही से भूख ना लगना।

कब्ज से होने वाले रोग (Diseases Caused by Constipation)

  • गैस बनने की समस्या
  • हर्निया
  • बवासीर की समस्या
  • चर्म रोग
  • एलर्जी
  •  मुहांसों की समस्या
  • पेट का कैंसर
  • चिंता, तनाव ,डिप्रेशन आदि रोग होने कि सम्भावना बढ़ जाती है |

कब्ज के आसान घरेलू उपाय (Home Remedies for Constipation in Hindi)

डॉक्‍टर के पास जाने से पहले आपको कब्‍ज की बीमारी को दूर करने के लिये घर पर ही कुछ असरदार घरेलू उपचारों का प्रयोग करना चाहिये।

एलोवेरा- जिसे संस्कृत में घृतकुमारी कहते है,एलोवेरा के चिपचिपेपन की वजह से यह हमारे आंत की दिवालो को चिपचिपा बनाता है और मल को आसानी से आगे बढ़ने में मदद करता है। यह हमारे आंतो में स्थित मश्पेशिओं को भी उत्तेजित करता है जिससे मल को गति मिलती है और कब्ज से राहत मिलती है।

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नीबू- कब्ज को मिटाने के लिए सुबह गुनगुने पानी में एक कागजी नीबू का रस व् एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित  सेवन करे  | नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड पेट से जमी हुई गंदगी को बाहर निकालने में काम आता है।



त्रिफलाचूर्ण- त्रिफला को शहद के साथ मिक्‍स कर के दिन में दो बार खाना चाहिये। यह एक आयुर्वेदिक उपाचार है।इस चूर्ण को बनाने के लिए आंवला, हरड़ और बेहड़ा का इस्तेमाल किया जाता है। इन तीनों चीजों को मिलाने का बाद त्रिफला चूर्ण बनता है। रात को एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को कांच के गिलास में भिगोदे , सुबह इसे उबाले व् छानकर पीने से पुरानी से पुरानी कब्ज खत्म हो जाती है |

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एरंड तेल- 5 मिली एरंड तेल को गुनगुने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज से राहत मिल जाती है |

पालक- पालक का रस पीने से कब्‍ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्‍जी का प्रयोग करना चाहिए।

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अंजीर- गर्म पानी में भीगी हुईं अंजीर को खाने से भी कब्ज में राहत मिलती है। अंजीर में फाइबर होता है जो आपकी पाचन शक्ति को लाभ पहुंचाता है अंजीर को रात में भीगो दें और सुबह खाली पेट खा लें। हफ्ते भर तक ऐसा किया जाए तो कब्ज में राहत मिलती है।

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मुनक्‍का- मुनक्‍का में कब्‍ज नष्‍ट करने के तत्‍व मौजूद होते हैं। 6-7 मुनक्‍का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्‍ज समाप्‍त होती है मुनक्के का सेवन पानी में भिगोकर या दूध में भिगोकर कर सकते हैं ।

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इशबगोल- रात को सोते समय इशबगोल का सेवन कब्ज में अत्यंत लाभदायक रहता है |दूध या पानी के साथ 1-2 चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लें। यह आंतों की प्रक्रिया को तेज करता है जिससे पेट खुल कर साफ हो जाता है।

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गुड़- रात में सोने से पहले प्रतिदिन गुड़  का सेवन करने से सुबह पेट साफ आसानी से होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा गुड़ को पानी में उबालकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। 

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दही और छाछ- जिन लोगों को कब्ज रहता है वो खाना खाते वक्त दही और छाछ का इस्तेमाल जरूर करें। रायता भी खा सकते हैं। दही में लाखों जीवित ऑर्गनिजम होते हैं, इन्हें  ‘गुड’ बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है,एक गिलास छाछ में अजवायन का पाउडर डाल कर पीने से मल सॉफ़्ट मुलायम हो जाता है ये पाचन किर्या ठीक रखता है। खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।

अमरूद और पपीता- अमरूद और पपीता का सेवन भी कब्ज में रामबाण का काम करता है | अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।

सोंफ- कब्ज के लिए सोंफ का अर्क पानी में डालकर लेने से आराम मिलता है | सौंफ को रोस्ट कर रात को सोते समय एक चम्मच भुनी हुई सौंफ के साथ गर्म पानी पीने से भी कब्ज में राहत मिलती है।

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अजवाइन और सौंफ- को उबालकर उसका पानी पिने से कब्ज से तुरंत राहत मिलती है।

सोंठ ( सूखी अदरक )- रात को सोते समय 3-5 ग्राम सोंठ का सेवन दूध के साथ करने से अगले ही दिन कब्ज में आराम मिलना स्टार्ट हो जाता है |

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दूध और घी- एक गिलास दूध में 1-2 चाम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पीने से भी कब्ज पूरी तरह से गायब हो सकती है।


फाइबर युक्त आहार- खाने से न केवल आपके मल की मात्रा बढ़ जाती है, कब्ज से राहत पाने के लिए हर दिन पर्याप्त सेब, नाशपाती, अंकुरित अनाज, जई, अंजीर, दाल और फलियां खाएं।

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कब्ज में क्या खाए? (What to Eat in Constipation?)

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कब्ज के रोगी को कच्ची सब्जियों और फलो का अधिक सेवन करना चाहिए | कच्चे फल सब्जियों में रेसे अधिक होने से आंतो में जमा हुआ मल आसानी से निकल जाता है | कब्ज वाले रोगी के लिए अंगूर, पपीता, नीबू, चोकर समेत आटा की बनी रोटिया , पके अमरुद, जामुन, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गुलकंद, आदि का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए | क्योकि इनमें उपस्थित रेशे हमारे कोलन की सफाई अच्छी तरह से करने का कार्य बखूबी करते है |

कब्ज में क्या नही खाए (What Not To Eat in Constipation)

गेंहूँ की रोटी, नान, सफेद ब्रेड, पिज्जा, बर्गर, चाउमीन, गरिष्ठ भोजन, मांसाहारी भोजन, अधिक मिर्च मसाले, खट्टी वस्तुओ का सेवन , सिरका, सूखे मेवे, आइस-क्रीम , तली भुनी चीजे, मुरब्बा, अचार, अरबी की सब्जी, आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए |

कब्ज के लिए लाइफस्टाइल टिप्स (Lifestyle Tips for Constipation in Hindi )

What Is Constipation? | Causes, Treatment, Symptoms
  • अच्छा खान-पान और अनुशासित दिनचर्या अपनाएं।
  • सुबह तय समय पर उठें और रात को तय समय पर सोएं।
  • सुबह उठते ही बेड-टी की जगह पानी पीने की आदत डालें।
  • सुबह चाय या कॉफी की जगह गुनगुना पानी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
  • साथ ही तीनों टाइम के खाने में चार-चार घंटे का अंतर रखें और हल्का खाएं।खाने को चबाचबा कर के खाएं जिससे की भोजन आसानी से पच सके।
  • यात्रा के दौरान भी नियमानुसार ही भोजन करें और संभव हो,तो हल्का व साफ-सुथरा ही खाएं।
  • अपने भोजन में ओट्स, ब्राउन राइस, फल व सब्जियों को शामिल करें।
  • व्यस्त जीवन में कुछ समय निकालकर व्यायाम करें या फिर जिम जा सकते हैं।
  • अगर खेलकूद में रुचि है, तो क्रिकेट, बैटमिंटन, लॉन टेनिस व फुटबॉल खेल सकते हैं।
  • साइकलिंग व स्विमिंग भी अच्छा विकल्प हो सकता है।
  • नशा जेसे शराब, सिगरेट इत्यादि का सेवन न करें।
  • जब जरूरत महसूस हो, तभी तुरंत मल त्याग करें।मल को रोककर रखने से भी पाचन तंत्र खराब होता है।

कब्ज के लिए योग(required  yoga exercise of constipation  in Hindi) 

कब्ज को ठीक करने के लिए निम्न योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है |

पवनमुक्तासन- पवनमुक्तासन से कब्ज की समस्या को आसानी से दूर कर सकते है।पवनमुक्तासन योगा को करने से स्ट्रेस की समस्या दूर होने के साथ-साथ मलत्याग की समस्या भी दूर होती हैं।

What is Pavanamuktasana? - Definition from Yogapedia

कैसे करें : इस आसन को करने के लिए योगा मैट बिछा लें, पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैर मिलाकर कमर के पास सीधे रखें। धीरे-धीरे दाएं पैर को मोड़कर सीने की तरफ लाएं और दोनों हाथों से पकड़ लें। वापस जाएं और ऐसा ही बाएं पैर से भी करें। इसके बाद दोनों पैर साथ में मोड़ कर इस अभ्यास को करें। कुछ सेकंड रुककर वापस आ जाएं।

मलासन- मल निकालते वक्त हम जिस अवस्था में बैठते हैं उसे मलासन कहते हैं। बैठने की यह स्थति पेट और पीठ के लिए बहुत ही लाभदायक रहती है। मलासन से तनाव खत्म होता है इससे कब्ज और गैस की समस्या से भी मुक्ति मिलती है।

Garland Pose | Malasana - Yogapedia

कैसे करें : दोनों घुटनों को मोड़ते हुए मल त्याग करने वाली अवस्था में बैठ जाएं। फिर दाएं हाथ की कांख को दाएं और बाएं हाथ की कांख को बाएं घुटने पर टिकाते हुए दोनों हाथ को मिला दें (नमस्कार मुद्रा) इस स्थिति में कुछ देर तक रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।

मयूरासन-  यह आसन पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है । यह आसन पेट दबाव को बढ़ाता है, जो प्लीहा और यकृत एनलार्ज्मेंट्स को कम कर देता है। यह आसन आंतो को भी मजबूत बनाता है। यह योगासन पेट और पाचन तंत्र की समस्या को दूर करने में बेहद लाभकारी हैं।

Peacock Pose | Mayurasana - Yogapedia

कैसे करें- मयूरासन करने को करने के लिए योगा मैट बिछा लें,  घुटनों के बल बैठ जाएं। अपने पैरों को पास पास और दोनों घुटनों को दूर दूर रखें। दोनों घुटनों के बीच में अपने दोनों हाथ होने चाहियें।इसके बाद अपने हाथ की कोहिनी को अपने पेट पर अच्छे सेट करें, इसमें दोनों कोहिनी आपकी नाभि के दाएं-बाएं होगी। इसके बाद अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर फैला के सीधा कर लें। अब अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं और अपने दोनों हाथों पर शरीर का पूरा वजन लाने का धीरे धीरे प्रयास करें। दोनों हाथों पर संतुलन बना के अपने शरीर को ऊपर रखें, इसमें सिर्फ आपके हाथ जमीन से जुड़े रहेगे और आपका पूरा शरीर हवा में रहेगा। अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में आप अधिक समय तक रह सकते हैं।

हलासन- यह योगासन पेट और पाचन तंत्र की समस्या को दूर करने में बेहद लाभकारी हैं। ये डायजेस्टिव सिस्टम की पूरी तरह मरम्मत कर देता है। इसे करने से मोशन होने में आसानी होती है।

What is Halasana? - Definition from Yogapedia

कैसे करें- इस आसन को करने के लिए योगा मैट बिछा लें।मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को भी आराम से शरीर के साइड में रख दें। धीरे-धीरे सांस लें और अपने पैरों को ऊपर की तरफ नब्बे डिग्री के एंगल तक उठाएं। अब सांस छोड़ें और पैरों को अपने सिर की तरफ लाएं और पैरों की उंगलियों को सिर के पीछे से जमीन को टच करने की कोशिश करें। कुछ समय ऐसे ही रहें और उसके बाद अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस प्रक्रिया को दोहराएं।

 धनुरासन – यह  योगासन पेट की समस्याओं को दूर करने काफी फायदेमंद माना जाता है। चाहे कब्ज हो या पेट की गैस धनुराशन पेट की इन सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। 

Bow Pose | Dhanurasana - Yogapedia

कैसे करें सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं. अब अपने घुटनों को मोड़कर कमर के पास ले जाएं और अपने तलवों को दोनों हाथों से पकड़ें. अब सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं. अब अपने पैरों को आगे की ओर खीचें। अब अपना संतुलन बनाते हुए सामने देखें। और उसके बाद अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस प्रक्रिया को दोहराएं।

कपालभांति- कपालभाति करने से भी पेट की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। अगर  रोजाना इस योगासन को करते हैं तो पेट की सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

कैसे करें कपालभाति प्राणायाम करने के लिए पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएं और अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें। अपनी हथेलियों की सहायता से घुटनों को पकड़कर शरीर को एकदम सीधा रखे। अब अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करते हुए सामान्य से कुछ अधिक गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती को फुलाएं। इसके बाद झटके से सांस को छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खीचें। इस प्राणायाम के अभ्यास से पेट को काफी फायदा हो सकता है।

योगासनों का अभ्यास प्रशिक्षक की देखरेख में ही करे |

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।

                                                                                                                                                                              रीना जैन


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