फिटकरी के फायदे और नुकसान (Fitkari (Alum) Benefits and Side Effects in Hindi)

फिटकरी, जिसे अंग्रेजी में एलम (Alum) के नाम से जाना जाता है । आमतौर पर फिटकरी का इस्तेमाल पानी को शुद्ध करने और दाढ़ी बनाने के बाद किया जाता है।पर इस के और भी कई सारे चमत्कारिक उपयोग है।एल्यूमीनियम सल्फेट और पोटेशियम सल्फेट का एक संयोजन, यह एक सफेद रंग का क्रिस्टल है। इसका उपयोग सदियों से इसके लाभकारी गुणों के लिए किया जाता रहा है।फिटकरी लाल व सफ़ेद दो प्रकार की होती है।दोनों के गुण लगभग समान ही होते हैं। अधिकतर सफ़ेद फिटकरी का प्रयोग ही किया जाता है। पोटेशिम एलम को आमतौर पर घरेलू उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

फिटकरी क्या है? (What is Alum in Hindi?)

health benefits of alum | फिटकरी है सेहत के लिए फायदेमंद, जानें इसके  गुणकारी लाभ, सेहत

फिटकरी एक रंगहीन रसायानिक पदार्थ है, जो एक क्रिस्टल या बर्फ के टुकड़े की तरह होती है। इसका रासायनिक नाम पोटेशियम एल्यूमीनियम सल्फेट है। फिटकरी एक प्रकार का खनिज है जो प्राकृतिक रूप में पत्थर की शक्ल में मिलता है। इस पत्थर को एल्युनाइट कहते हैं। इससे परिष्कृत फिटकरी तैयार की जाती है। यह सेंधा नमक की तरह चट्टानों से मिलती है। यह एक रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ है।जिसमें हल्का मीठा, कसैला स्‍वाद (Astringent Taste) होता है। 100 प्रतिशत शुद्ध फिटकरी पूरी तरह से पारदर्शी होता है और पूरी तरह से पानी में घुलनशील होता है। गर्म करने पर यह छिद्र युक्त हो जाता है। फिटकरी को कई सालों तक सुरक्षित रखा जा सकता है 

फिटकरी के प्रकार (Types of Alum in Hindi)

केमिकल कंपाउंड और इसमें मौजूद मिनरल्स के आधार पर फिटकरी के कई प्रकार होते हैं जिन्हें अलग-अलग चीज़ों में इस्तेमाल किया जाता है। यहां हम बता रहे हैं फिटकरी के मुख्य प्रकार और उनके इस्तेमाल।

1. सोडा एलम

ये एक इनऑर्गैनिक कंपाउंड है जिसका इस्तेमाल बेकिंग पाउडर बनाने में किया जाता है। ये खाने के लिए भी बिल्कुल सुरक्षित है जिस वजह से इसका इस्तेमाल खाने को एसिडिक फ्लेवर देने के लिए किया जाता है। 

2. पोटैशियम एलम

इसे फिटकरी का सबसे पुराना रूप कहा जा सकता है क्योंकि इसे ईसा पूर्व से पानी साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पोटैश एलम या पोटैशियम एलम सल्फेट के नाम से जाना जाने वाला फिटकरी का ये प्रकार वॉटर फिल्ट्रेशन के अलावा लेदर टैनिंग और टेक्सटाइल डाइंग में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसे डियोड्रेंट और आफ्टरशेव लोशन में भी इस्तेमाल किया जाता है। 

3. क्रोम एलम

लेदर टैनिंग में इस्तेमाल होने वाली फिटकरी की ये टाइप क्रोमियम पोटैशियम सल्फेट के नाम से भी जानी जाती है।

4. सिलिनेट एलम

जब फिटकरी के केमिकल कंपाउंड में जब सल्फर की जगह सिलिनियम ले लेता है तो सिलिनेट एलम बनता है। इसका इस्तेमाल एंटिसेप्टिक क्रीम्स वगैरह में होता है।

5. एल्यूमिनियम सल्फेट

तकनीकी रूप से तो ये फिटकरी नहीं है लेकिन लगभग वैसे ही कंपाउंड्स होने की वजह से इसे भी फिटकरी का एक प्रकार ही माना गया है। इसे आमतौर पर पेपरमेकर एलम के नाम से जाना जाता है।

फिटकरी के फायदे (Benefits of Alum in Hindi)

दांतों के रोगों से बचाव (Alum for Prevention of Dental Diseases)

मसूढ़ों से खून आना, दांत कमजोर होना और दांतों की सड़न के लिए फिटकरी सबसे अच्छे घरेलू उपायों में से एक है। दांत में दर्द से राहत पाने के लिए आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप फिटकरी के पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर इससे कुछ मिनट तक गरारे करें। परंतु ध्यान रहे कि यह पानी निगला ना जाए। अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो इसको दूर करने के लिए भी इस तरीके का इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्राकृतिक एंटीसेप्टिक (Alum for Natural Antiseptic)

गिर जाने या किसी वजह से चोट लग जाने पर जब चोट नज़र न आये, तो खून को जमने से रोकने के लिए भी फिटकरी का सहारा लिया जा सकता है। इसके लिए एक गिलास गुनगुने दूध के साथ आधा छोटा चम्मच फिटकरी पाउडर का सेवन कर सकते हैं। इससे बॉडी में ब्लड क्लॉटिंग होने का खतरा नहीं रहता है।
शेव करने के बाद फिटकरी के टुकड़े को शेव किये हुए हिस्से पर मलने से ये एंटीसेप्टिक का काम करती है। जिससे इंफेक्शन होने का खतरा नहीं रहता है। इसके अतिरिक्त थोड़ी सी फिटकरी पाऊडर गर्म पानी में घोल कर दिन में दो बार घावों को धोने से घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।

टॉन्सिल के लिए लाभदायक (Alum Beneficial for Tonsils)

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टॉन्सिल एक ऐसी बीमारी है जिसमें गले में बहुत दर्द रहता है और ऐसे में फिटकरी बहुत सहायक होता है। थोड़ा सा फिटकरी और थोड़ा सा हल्दी को गरम पानी में डालें और घोल लें। इस मिश्रण से ग़रारे करें।

चेहरे के लिए (Alum Beneficial for Face)

फिटकरी के प्रयोग से हर प्रकार के कील -मुहासों के दाग और काले धब्बे ठीक होते हैं। फिटकरी के घोल को मुहासों के दाग पर 20 मिनट तक लगाकर रखें और फिर साफ पानी से धुलें इससे सारे दाग ठीक होते हैं।

चेहरे या हाथ-पैर की झुर्रियों को कम करने के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।इसके लिए आप फिटकरी के टुकड़े से कुछ मिनट के लिए चेहरे और हाथ-पैर की मसाज करें फिर पानी से धो लें।

फिटकरी सनबर्न से बचाए आधे कप पानी में दो चम्मच फिटकरी पाउडर मिलाकर सनबर्न एरिया पर लगाएं। कुछ दिनों तक इस प्रक्रिया को इस्तेमाल करें। सनबर्न से छुटकारा मिलेगा।

पानी साफ करे (Alum for Water Purifier)

Silver in Water Purification - The Silver Institute

बहुत लोग ऐसे होते हैं जो वाटर प्यूरीफायर का पानी इस्तेमाल न करके टैप वॉटर का इस्तेमाल करते हैं।इस पानी से गंदगी को निकालने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल किया जा सकता है।इसके लिए फिटकरी के बड़े टुकड़े को पानी में डुबोकर आधा मिनट तक घुमाइए फिर पानी को कुछ देर ढक कर रख दीजिये। कुछ देर में सारी गंदगी पानी के नीचे जम जाएगी।

फटी एड़ियों के लिए (Alum for Cracked Heels)

फटी एड़ियों से राहत दिलाने में मदद करती है फिटकरी। फिटकरी को तवे पर इतना गर्म करें कि पिघलकर नरम और भुरभुरी हो जाए।अब उसे ठंडा होने पर नारियल के तेल में मिलाकर फटी एड़ियों पर लागाएं ये एड़ियों को साफ-सुथरी और मुलायम बनाने में मदद करती है। 

फिटकरी के पाउडर को ग्लिसरीन में मिलाएं और इसे रोज़ अपने एड़ियों पर लगाएं यह तुरंत राहत देता है।

पसीने की बदबू दूर करे (Alum for Remove Sweat Odor)
665 Under The Arm Illustrations & Clip Art - iStock

कुछ लोगों के पसीने में बहुत बदबू आती है।इसको दूर करने के लिए आप नहाने के पानी में दो चुटकी फिटकरी का पाउडर मिला दें। इससे पसीने की बदबू से छुटकारा मिल जायेगा।फिटकरी, एक बेहतरीन डियोड्रेंट का भी काम करती है। आप या तो अपने अंडरआर्म्स पर एक गीली फिटकरी का टुकड़ा रगड़ सकती हैं या अपने बगल में थोड़ा फिटकरी पाउडर लगा सकती हैं। 

बुखार, खांसी और अस्थमा (Alum for Fever, Cough and Asthma)

 खांसी, दमा और बलगम में भी फिटकरी का उपयोग काफी लाभकारी है। फिटकरी का महीन चूर्ण बनाकर उसे शहद के साथ मिलाकर चाटने से दमा के साथ साथ खांसी में भी काफी लाभ मिलता है।

बालों के लिए (Alum Beneficial for Hair)

सिर में खुश्की होने पर शैंपू के साथ एक चुटकी फिटकरी और नमक मिलाकर सिर धो लें सिर से रूसी खत्म हो जाएंगी।

सिर के बालों में जुओं का पड़ना दिन व रात का सुकून बर्बाद कर देता है। फिटकरी जूओं को मारने के लिए बहुत बढ़िया समझी जाती है।

पानी में फिटकरी का पाउडर और थोड़ा सा ऑयल शामिल करके बालों में लगाएं और 10 मिनट तक हल्के हाथ से मसाज करें इसके बाद शैंपू से सिर धो लें इसको हफ्ते में कम से कम दो बार प्रयोग करें।

उंगुलियों की सूजन (Alum for Swelling of the Fingers)

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पानी में ज्यादा काम करने से जाड़ों में उंगुलियों में सूजन या खाज हो जाए तो पानी में फिटकरी उबालकर इससे उंगुलियों को धोने से लाभ होता है।

पनीर के लिए (Alum for Paneer)

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पनीर बनाने के लिए दूध को पिसी हुई फिटकरी डालकर फाड़ें । इस प्रकार बना हुआ पनीर अधिक स्वादिष्ट व मुलायम बनता है।

नकसीर (Alum for Hemorrhage)

किसी को नाक से बार-बार रक्तस्राव होता है, तो ऐसे रोगी चम्मच भर गाय के दूध में फिटकरी घोल लें। इसमें से तीन-चार बूंद प्रातः या नकसीर फूटने पर नाक में डालें। इससे नाक से रक्त आना बंद हो जाएगा।

फिटकरी के उपयोग (Uses of Alum)

 फिटकरी के कई उपयोग होते है।

  • कागज उद्योग, रंगसाजी तथा छींट की छपाई में इसका उपयोग होता है।
  • इससे पीने का पानी भी शुद्ध किया जाता है। इसके अलावा आँख की दवा तथा अन्य चिकित्सा कार्यों में इसका बड़ा उपयोग है आयुर्वेद समेत यूनानी चिकत्‍सा पद्यतियों में फिटकरी का व्यापक उपयोग किया जाता है।
  • इसके पाउडर को डीओडोरेंट बनाने में और कई प्रकार के अचार बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • फिटकरी में सिकुड़न पैदा करने का गुण होता है। बाह्य उपयोग के अलावा रक्तस्त्राव, दस्त, कुकुरखाँसी तथा दमा रोग में इसका आंतरिक उपयोग होता है।
  • फिटकरी की अम्लीय विशेषताओं के कारण इसका उपयोग बेकिंग सोडा पाउडर बनाने में भी किया जाता है। 
  • फिटकरी का उपयोग अनेक औधोगिक कामों जैसे कि चमड़ा निर्माण, बच्चों के खोलौने बनाने इत्यादि में भी किया जाता है।
  • फिटकरी का उपयोग कपडे रंगने में होता है।

फिटकरी से नुकसान (Side Effects of Alum in Hindi)

हम फिटकरी का उपयोग बाहरी रूप में करते है तो ज्यादा हानि या नुकसान नहीं पोहचती है, लेकिन जब हम फिटकरी को रोग ख़तम करने के लिए आतंरिक प्रयोग करते है थोड़ा नुकसान पोहचा सकती है। तो इस लिए फिटकरी का आंतरिक प्रयोग करने से पहले हमें किसी डॉक्टर से कन्सल्ट करना बहोत जरुरी है। और इस चीज का ज्यादा इस्तेमाल करने से हमारे फेफड़े, किडनी और पेट को नुकसान पोहचा सकती है।

फिटकरी का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए तो बेहद ही अच्छा होता है, लेकिन इसका अधिक इस्तेमाल फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि फिटकिरी में सोडियम की मात्रा अधिक पाई जाती है इसलिए फिटकरी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

अधिक मात्रा में चेहरे पर फिटकरी लगाने के नुकसान के रूप में स्किन पर जलन व रैशेज की समस्या हो सकती है।

पानी में मिलाई गई फिटकरी के संपर्क में आने से आंखें बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।

                                                                                                                                                                              रीना जैन

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