Diet In Arthritis: गठिया में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों यानी कि ज्वाइंट्स में दर्दनाक दर्द होता है शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से अर्थराइटिस या गठिया जैसी समस्या होती है। इस बीमारी में रोगी को हड्डियों के जोड़ों में सूजन हो जाती है। गठिया की समस्या आज केवल बढ़ती उम्र वालों में ही नहीं बल्कि युवाओं में आम हो गई यह एक चिरकालिक रोग है, जो समय के साथ-साथ काफी बिगड़ती है। अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में सूजन होने लगता है और दर्दनाक दर्द होता है। इसमें रोगियों के उंगुलियों, पांव, कलाइयों और टखनों के छोटे-छोटे जोड़ों में काफी दर्द होने लगता है। इसके बाद जोड़ों में कड़ापन औऱ सूजन की शुरुआत होने लगती है। 

इस दर्द की वजह गलत खानपान भी हो सकती है, लिहाजा अर्थराइटिस में खान-पान को लेकर खास ध्यान देने की जरूरत है। एक्सरसाइज, डाइट कंट्रोल, वेट मैनेजमेंट इत्यादि अर्थराइटिस के दर्द को कंट्रोल करने में मदद करते हैं हम आपको बता रहे हैं कि गठिया से पीड़ित व्यक्ति को किस तरह का आहार लेना चाहिए और किन चीजों से परहेज करने की जरूरत है। अर्थराइटिस के रोगियों को दवाईयों के साथ-साथ सही डाइट का होना भी बहुत ही जरूरी होता है।  

बथुए का साग गठिया के रोगियों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। सर्दी के मौसम में बथुआ आसानी से मिल जाता है। आप इसे पराठा, सब्जी के अलावा जूस के रूप में सेवन कर सकते हैं। आप बथुआ का जूस रोजाना खाली पेट पी सकते हैं, इससे आपको दर्द में फायदा महसूस हो सकता है

ऐसे फल जो खट्टे होते हैं उनमें विटामिन सी अधिक रहता है इसके सेवन से गठिया के रोगियों को फायदा मिलता है।सुबह या शाम में ये फल न खाएं, अन्यथा दर्द बढ़ जाता है। दिन के समय ही फल का सेवन करें।

मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर, नट्स से आपको महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं। कुछ नट्स जैसे की पिस्ता, हेज़लनट्स और बादाम सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। अखरोट अर्थराइटिस वाले लोगों के लिए विशेष रूप से अच्छे होते हैं क्योंकि वे ओमेगा-3 फैटी एसिड में उच्च होते हैं। लेकिन नट्स का भी सेवन कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इनमें कैलोरी की मात्रा भी ज्यादा होती है जिससे वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है।

गठिया के मरीजों के लिए सहजन काफी फायदेमंद हो सकता है। सहजन की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया में फायदा हो सकता है। इससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा आप सहजन की सब्जी भी खा सकते हैं।

हल्दी में करक्यूमिन के साथ  एंटी-इंफ्लेमेंट्री गुण पाए जाते हैं जो जोड़ों के दर्द के साथ-साथ सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह वास्तव में आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और गठिया और मांसपेशियों में दर्द जैसी चीजों में मदद कर सकता है। यह आपके शरीर में सूजन को कम करने और आपको स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।

लहसुन रक्त को शुद्ध करने में सहायक है। गठिया के कारण रक्त में बहुत अधिक यूरिक एसिड बढ़ जाता है।लहसुन के रस के प्रभाव के कारण यूरिक एसिड तरल रूप में मूत्रमार्ग में घुल जाता है।

सेब का सिरका आपके पाचन में सुधार करता है, विशेष रूप से बेहतर प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को पचाने में। जैसे-जैसे हम उम्र बढ़ाते हैं, हमारी पेट की क्षमता कम होती जाती है और जोड़ों का दर्द बढ़ता जाता है। इस मामले में, सेब साइडर सिरका बहुत मददगार है। एप्पल साइडर सिरका आपके शरीर को अधिक क्षारीय बनाने में मदद करके जोड़ों के दर्द को कम करता है।

स्वस्थ जोड़ों को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद सभी महत्वपूर्ण हैं। शराब या तंबाकू का सेवन सीमित करने से भी मदद मिल सकती है। 

अर्थराइटिस के रोगियों को ठंडी चीजों से दूरी बना कर ही रखनी चाहिए। कुछ ठंडा खाने के दर्द बढ़ सकता है।ऐसे में गठिया के मरीजों को फ्रिज में पड़ी हुई दही, खट्टी और ठंडी-ठंडी छाछ नहीं लेनी चाहिए।इसके साथ ही अगर आपको गठिया है तो आप आइसक्रीम और कुल्फी से बिल्कुल दूर ही रहें।

अर्थराइटिस के रोगियों को डॉक्टर सलाह देते हैं कि उन्हें हाई प्रोटीन फूड से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, अधिक प्रोटीन लेने से अर्थराइटिस की समस्या बढ़ सकती है। शरीर में वायु बढ़ाने वाली चीजों से परहेज जरूरी है, जैसे-छोले, चना, राजमा, अरबी और कटहल इनसे दूर रहें।

प्रोसेस्ड फूड्स को प्रिजर्व करने के लिए इनमें ट्रांस फैट ऐड किया जाता है, जो गठिया मरीजों के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है।सभी प्रकार के शीतल पेय, चिप्स और कैंडी से दूर रहें, क्योंकि इन सभी में अतिरिक्त शर्करा और अस्वास्थ्यकर वसा की मात्रा अधिक होती है, जो मोटापे और जोड़ों में सूजन के जोखिम को बढ़ाती है। ऐडेड शुगर युक्त खाद्य पदार्थों से पूरी तरह से परहेज रखें। सोडा, कैंडी और सॉस जैसे खाद्य पदार्थ का सेवन गठिया की स्थिति में जोड़ों के दर्द को बढ़ावा दे सकता है।

घी या तेल में डीप फ्राई किया हुआ खाना मैदा युक्त चीजें, जैसे बिस्किट, स्नैक्स और चिप्स अर्थराइटिस में आपकी समस्या बढ़ा सकता है।पैकेज्ड फूड, स्नैक्स और चिप्स वगैरह न खाएं तो अच्छा है।अधिक फ्राइड खाने से पेट में गैस बनती है जो दर्द बढ़ा सकती है ।

डिब्बाबंद हाई सॉल्टी फूड्स इस स्थिति में और नुकसानदेह हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सोडियम का बढ़ना शरीर में सूजन को ट्रिगर करता है और इससे जोड़ों का दर्द और बढ़ सकता है।  इसके अलावा ये आपकी हड्डियों को नुकसान पहुंचाते हैं और लंबे समय तक दर्द का कारण बनते हैं। 

चाय या कॉफी का अधिक सेवन करने से गैस अधिक बनती है। जिससे यह समस्या और अधिक बढ़ जाती है। इसलिए चाय और कॉफी का कम सेवन करना चाहिए।

  • बीमार अंगों पर चोट ना लगने दें।
  • शरीर को गतिशील रखें। इसके लिए व्यायाम कर सकते हैं।
  • वजन को कम करें या नियंत्रित रखें।
  • ज्यादा स्ट्रेच वाला काम नहीं करें।
  • अर्थराइटिस के मरीजों के लिए टहलना एक अच्छा व्यायाम हो सकता है।
  • अधिक देर तक एक ही स्थिति में ना बैठे रहें।
  • जोड़ों के लिए विटामिन डी सबसे अच्छा है।जितना हो सके, धूप से विटामिन डी लें ।
  • अपने भोजन में पोषक तत्वों और विटामिन से प्रचुर आहार शामिल करें, जैसे संतरा, पालक, फूलगोभी, डेयरी उत्पाद और सूखे मेवे।

इसके अलावा, अपने चिकित्सक से व्यक्तिगत सलाह लें और अपने आहार में अनुकूलन करें, क्योंकि हर व्यक्ति की आवश्यकताएँ और प्रतिक्रियाएँ अलग हो सकती हैं।

पढ़ने के लिए धन्यवाद ! 

रीना जैन

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