Ultra Processed Food

Ultra-Processed Food (UPF): अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स क्या होते हैं, जानिए इसके नुकसान

एक्सपर्ट्स की मानें तो अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करना हेल्थ के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। जिसमें खाने के नेचुरल तत्व हटा कर उसे कृत्रिम तत्वों में बदल दिया जाता है। जिससे इसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। प्रोसेस्ड फूड्स में केक पेस्ट्री, नूडल्स, कैंडी, चिप्स, रेडी टू ईट खाना जैसी चीजें शामिल होती है।

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में नमक, चीनी और फैट के अलावा आर्टिफिशियल कलर, फ्लेवर, प्रिजर्वेटिव, आर्टिफिशियल स्वीटनर, थिकनर, वगैरह डाले जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि फूड्स को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके, उनके टेक्स्चर को बेहतर और स्वाद को लजीज बनाया जा सके। इसे बनाने में सस्ते इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल होता है। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स को इस तरह से बनाया जाता है कि इन्हें खाने की बार-बार तलब लगे और लोग इन्हें खरीदकर ज्यादा से ज्यादा खाएं।इनमें कुछ पॉपुलर कैटेगरी हैं। कुकीज, डिब्बाबंद जूस, चिप्स, नूडल्स, केचप, चॉकलेट वगैरह। 

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन अधिकतम पैकेजिंग, प्रसंस्करण, और रसायनों के उपयोग के कारण होता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इनमें उच्च मात्रा में नमक, चीनी, संयंत्रीय तेल, रंग, स्वाद बढ़ाने वाले तत्व और प्रसंस्करण के दौरान नुकसानदायक रसायन हो सकते हैं। ये वजन बढ़ाने, मधुमेह, और हृदय रोग जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। उन्हें लंबे समय तक स्टोर करना और बेहतर रूप से वितरित करना, इसलिए उनमें अनेक रसायनिक पदार्थ और प्रसंस्करण किया गया होता है।

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड्स जिनका सेवन हम अक्सर करते हैं लेकिन हमें इसका एहसास नहीं होता?

नाश्ता: मीठे अनाज, तत्काल दलिया पैकेट, नाश्ते के लिए पेस्ट्री, पहले से तैयार नाश्ते के सैंडविच।

स्नैक्स: आलू के चिप्स, कुकीज़, कैंडी बार, पैकेज्ड स्नैक केक, एनर्जी बार (कुछ किस्में), इंस्टेंट नूडल्स, ये आमतौर पर परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट, अस्वास्थ्यकर वसा और सोडियम से भरे होते हैं।

पेयपदार्थ: शर्करायुक्त सोडा, कार्बोनेटेड पेय, कृत्रिम स्वाद वाले जूस, फलों के स्वाद वाला दही।

भोजन: जमे हुए भोजन, हॉट डॉग, सॉसेज,नगेट्स, पहले से बने पास्ता व्यंजन।

मसाले: मलाईदार सलाद ड्रेसिंग, केचप, मेयोनेज़, व्यावसायिक रूप से तैयार मैरिनेड।

मिठाइयाँ: आइसक्रीम, व्यावसायिक रूप से पके हुए केक और पाई, प्रसंस्कृत पुडिंग, शर्करायुक्त दही।  

विशेषज्ञों के अनुसार इन सब चीज़ों में औद्योगिक प्रक्रिया के तहत चीनी, नमक, फ़ैट्स (वसा) या इमल्सिफ़ाई (दो अलग-अलग तरह के पदार्थों को मिलाना) करने वाले केमिकल और प्रिज़र्वेटिव डाले जाते हैं, जिन्हें हम अमूमन अपने किचन में इस्तेमाल नहीं करते।

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में अक्सर कम गुणस्तरीय नुत्रिएंट्स होते हैं और ज्यादा से ज्यादा शुगर, सॉल्ट और अन्य सामग्रियां होती हैं। प्रोसेसिंग की क्रिया के कारण जंक फूड में विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर जैसे पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं। इस कारण इस प्रकार के भोजन के अधिक सेवन से शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है।

अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ अक्सर कैलोरी-घने ​​और पोषक तत्वों से रहित होते हैं, जिससे उनका अधिक सेवन और वजन बढ़ने की संभावना होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के लगातार सेवन से मोटापे का जोखिम 40% से 66% तक बढ़ जाता है इनमें अधिक कैलोरी होती है, जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकती है और ओबेसिटी समस्याओं को बढ़ा सकती है।

शोध से पता चल है कि, उनमें टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का जोखिम 12% अधिक होता है। ये खाद्य पदार्थ अक्सर शर्करा और अस्वास्थ्यकर वसा से भरे होते हैं, जो रक्त शर्करा विनियमन को बाधित कर सकते हैं और इनमें अधिक मात्रा में शुगर और तेल पाए जाते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

UPF के अधिक सेवन से चिंता और सामान्य मानसिक विकारों का जोखिम 40% तक बढ़ जाता है। यह चिंता और अवसाद की भावनाओं में योगदान देने में UPF की संभावित भूमिका का सुझाव देता है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की वजह से शरीर में कई प्रकार के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हो रहे हैं। ये भोजन हमारे दिमाग पर असर कर रहा है जिससे ब्रेन के फंक्शन कमजोर हो रहे हैं। 

अधिक UPF का सेवन करने वालों में नींद संबंधी समस्याओं का जोखिम 40% बढ़ जाता है। नींद के पैटर्न में यह व्यवधान मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण को और अधिक प्रभावित कर सकता है।

जंक फूड में कुछ रसायनों की मात्रा अधिक होती है जो के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ विभिन्न प्रकार के कैंसरों के विकसित होने और उनसे मृत्यु होने के जोखिम को बढ़ाते हैं।फास्ट फूड खाने के अधिक शौकीन हैं वे सावधान हो जाएं, क्योंकि एक नवीनतम शोध में पाया गया है कि फास्ट फूड जैसे बर्गर, पिजा आदि न केवल मोटापा बढ़ाते हैं बल्कि हमारे लिवर के लिए भी घातक हैं।

  • जितना संभव हो सके घर पर ही खाना पकाना।  
  • बाहर मिलने वाले चिप्स और नमकीन की जगह आप ड्राई नट्स या पॉपकॉर्न का सेवन कर सकते हैं।
  • सोडा और कोल ड्रिंक के बजाय सादा पानी, घर का नींबू पानी, नारियल पानी, और बिना चीनी वाला लस्सी पीने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • आइसक्रीम के बजाय  दही, घर का बना शर्बत या ताज़ा फलों का जूस भी पिला सकते हैं।
  • सॉस या तैयार भोजन खरीदने के बजाय, अपने पसंदीदा भोजन को घर पर ही अधिक मात्रा में पकाएं और अतिरिक्त भोजन को अगले दिन उपयोग के लिए फ्रीज में रख दें।
  • सुबह नाश्ते में चीनी युक्त कम फाइबर वाले अनाज के स्थान पर फल और मेवे के साथ दलिया खाएं।
  • दुकान से खरीदे गए फल पाई या केक के बजाय ताजे, पके हुए या उबले हुए फल खाएं।
  • दोपहर की चाय के साथ बिस्कुट के स्थान पर कुछ मेवे खाएँ।
  • रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थ प्रिजर्वेटिव, सोडियम और छिपी हुई चीनी से भरे होते हैं। 
  • “हाई-फ्रक्टोज़ कॉर्न सिरप,” “हाइड्रोजनीकृत तेल,” और “कृत्रिम मिठास” जैसे शब्दों के बारे में सावधान रहें क्योंकि वे अत्यधिक प्रसंस्कृत सामग्री का संकेत देते हैं।
  • किराने का सामान खरीदने से पहले खाद्य लेबल और सामग्री पढ़ने की आदत डालें। ऐसे उत्पादों की तलाश करें जिनमें कम से कम सामग्री हो ताकि एडिटिव्स, प्रिज़र्वेटिव्स , कृत्रिम स्वाद और रंगों का सेवन करने से बचा जा सके। 

नोट- अपनी डाइट में अन-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इनमें खाद्य पदार्थों की प्राकृतिक स्थिति में खास बदलाव नहीं होता है।ये अक्सर अपने प्राकृतिक रूप में होते हैं और इनमें प्रोसेसिंग या संरक्षक होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज, मेवे, बिना चीनी वाली सादा दही, ताजा और सूखा पास्ता, चाय, कॉफी और दूध शामिल हैं।

पढ़ने के लिए धन्यवाद ! 

इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।

रीना जैन

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