आपने कई बार ग्लूटन-फ्री खाने के बारे में सुना या पढ़ा होगा। ग्लूटेन प्रोटीन का एक रूप है। यह आम तौर पर गेहूं, जौ और राई आदि में पाया जाता है। अधिकांश लोगों को ग्लूटेन के सेवन से कोई समस्या नहीं होती है, जो आसानी से पचने योग्य होता है। हालांकि, हम में से कुछ ऐसे हैं जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी है। उन्हें यह नहीं खाना चाहिए। ग्लूटेन फ्री डाइट आपको सीलिएक डिजीज और ग्लूटेन सेंसिटिविटी को छोड़कर अन्य कई बीमारियों से लड़ने में मदद करेगा। यह डाइट ऑटिज्म, मिर्गी व सिज़ोफ्रेनिया जैसी समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भी लाभकारी मानी गई है। वजन बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक ग्लूटेन भी है। इसलिए वजन घटाने के लिए डॉक्टर्स इस डायट की सलाह देते हैं। इस आर्टिकल में हम ग्लूटेन फ्री डाइट क्या है, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं तथा इस डाइट में आप किन चीजों का सेवन कर सकते हैं।
ग्लूटेन क्या है? (What is Gluten?)
ग्लूटन शब्द लैटिन शब्द ग्लू से बना है, ग्लूटेन का नाम इसकी गोंद जैसी विशेषताओं के कारण पड़ा है। जिसका मतलब होता है, किसी चीज़ को जोड़नेवाला असल में ग्लूटन एक तरह का प्रोटीन होता है, लस प्रोटीन का मिश्रण है जो गेहूं और जौ जैसे संबंधित अनाज में पाया जाता है। यह खाने को लचीला और नमी के जरिए Shape में बनाए रखने में मदद करती है यही कारण है कि जब हम ब्रेड या प्रोसेस्ड फूड खाते हैं तो वह फूला हुआ होता है और चबाने में काफी अच्छा लगता है।
ग्लूटेन-फ्री डायट किसे खानी चाहिए? (Who Should Follow a Gluten-Free Diet?)
ग्लूटेन का सेवन कुछ लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें गेहूं से एलर्जी है या सीलिएक रोग से पीड़ित हैं। सेलियक रोग वाले व्यक्ति थोड़ी-सी मात्रा में भी ग्लूटेन बर्दाश्त नहीं कर पाते। ऐसे लोगों को ग्लूटेन-फ्री डायट खानी चाहिएअगर ऐसे लोग ग्लूटन युक्त आहार का सेवन करते हैं तो उन्हें गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें पाचन संबंधी समस्याएं भी शामिल हैं। वजन बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक ग्लूटेन भी है। इसलिए वजन घटाने के लिए डॉक्टर्स इस डायट की सलाह देते हैं।
ग्लूटेन फ्री डाइट के के फायदे (Benefits of Gluten Free Diet)
- यह डाइट आहार से प्रोसेस्ड अनहेल्दी फूड प्रोडक्ट को पूरी तरह से निकाल देती है, यानी, हम जंक फूड खाना बंद कर देते हैं।
- हेल्दी व पोषक तत्वों से युक्त आहार करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
- यह डाइट ऑटिज्म, मिर्गी व सिज़ोफ्रेनिया जैसी समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भी लाभकारी मानी गई है।
- ग्लूटेन फ्री डाइट हार्ट डिजीज, कैंसर और डिजीज की चांसेज को कम करती है।
- वजन कम करने में यह लाभदायक है।
- अगर आपको पाचन संबंधी समस्याएं जैसे गैस, कब्ज, पेट फूलना या दस्त रहते हैं तो खाने में ग्लूटेन फ्री चीजें शामिल करें।
- ग्लूटेन फ्री भोजन से डायबिटीज को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
- लस मुक्त आहार खाने से जोड़ों के दर्द को रोकने में मदद मिल सकती है।
ग्लूटेन फ्री डाइट के नुकसान (Disadvantages of Gluten Free Diet)
विशेषज्ञ कहते हैं कि जिन लोगों को सीलिएक रोग नहीं है और ग्लूटेन मुक्त डाइट लेते हैं, तो उन्हें महत्वपूर्ण पोषक तत्व, जैसे आयरन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन-डी उचित मात्रा में नहीं मिल पाते और ऐसे में हड्डियों से संबंधित और अन्य कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इस डाइट में जरूरी विटामिन्स और न्यूट्रिएंट्स की कमी होती है।ग्लूटेन फ्री डाइट को फॉलो करने वाले लोगों को कब्ज की समस्या हो सकती है।
ग्लूटेन फ्री डाइट में क्या खा सकते है? (What can you eat on a Gluten Free Diet?)
आप गेहूं की बजाय इन खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल कर सकते हैं, जानिए ग्लूटेन फ्री डाइट में कौन से खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
मकई- ग्लूटेन फ्री डाइट लेने वाले लोग गेहूं की जगह मक्का या मकई से बनी चीजें इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें भरपूर फाइबर होता है। मक्का ग्लूटेन फ्री अनाज है।
जई- सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों के लिए जई यानि ओट्स अच्छा फूड है।ये एक ग्लूटेन फ्री फूड है, जो कोई नुकसान नहीं करता है।
क्विनोआ ग्लूटेन फ्री अनाज में क्विनोआ को सबसे हेल्दी माना जाता है इसमें भरपूर एंटीऑक्सिडेंट होते हैं।
ब्राउन राइस- ग्लूटेन फ्री डाइट में ब्राउन राइस भी शामिल हैं। वैसे चावल ग्लूटेन फ्री फ्रूड है, लेकिन खासतौर से ब्राउन राइस बहुत फायदेमंद है।
स्टार्च- इनमें आलू और आलू का आटा, और बेसन, सोया का आटा, कुट्टू का आटा और साबुदाना का आटा शामिल है।
ग्लूटेन से बचने के लिए आप ऐमारैंथ (राजगीरा) गेहूं को आटे की जगह चुन सकते हैं, इसके अलावा आप चेस्ट नट फ्लोर (सिंगाड़ा अटा), ग्वार गम, टैपिओका फ्लोर (अरारोट आटा), केले का आटा, नारियल का आटा, का भी इस्तेमाल सकते हैं आप सेहदमंद खाने जैसे फल, नट्स और सब्ज़ियों का इस्तेमाल करके ग्लूटेन से होने वालीमुश्किलों से बच सकते हैं।
तो अब आप भी ग्लूटेन फ्री डाइट पर स्विच करने से पहले एक बार अपनी डायटीशियन से संपर्क अवश्य करें और उनकी सलाह के आधार पर ही अपनी डाइट में जरूरी बदलाव करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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