Gond

Health Benefits of Gond: सर्दियों में गोंद खाने के फायदे

आयुर्वेद में बहुत सारी जड़ी बूटियाँ होती हैं जिनके इस्तेमाल से बहुत सारी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है| इस तरह गोंद एक तरह का चिपचिपा खाद्य पदार्थ है जिसे पेड़ से प्राप्त किया जाता है| गोंद को उत्तर भारत के कई राज्यों में खाया जाता है जैसे हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और गर्मियों के मौसम में गोंद कतीरे का प्रयोग किया जाता है| सर्दियों के मौसम में गोंद का सेवन सेहत को काफी लाभ पहुंचाता है। क्योंकि गोंद की तासीर गर्म होती है, जो शरीर को गर्म रखता है। साथ ही गोंद औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो सर्दियों में कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। हम इस ब्लॉग में गोंद के फायदे और इसके संभावित नुकसानों पर चर्चा करेंगे।

गोंद क्या है? (What is Gum?)

प्राकृतिक रूप से बारिश का मौसम समाप्त होने के बाद कई वृक्षों के तनो से एक चिपचिपा रस जगह जगह से निकलता है जो वहीं पर सूख कर जम जाता है, यही उस वृक्ष का गोंद कहलाता है। सूखी अवस्था में यह रवा के रूप में पाया जाता है, किन्तु पानी में डालने पर यह फूलकर चिपचिपा बन जाता है। इसका उपयोग कागज आदि विभिन्न पदार्थों को चिपकाने में होता है तथा यह हमारी सेहत के लिए भी खूब लाभदायक होता है। यह स्वादहीन और गंधहीन होता है,गोंद भूरे रंग का होता है, वैसे तो गोंद कई पेड़ों से निकलता है लेकिन, सबसे अच्छा गोंद बबूल के पेड़ का माना जाता है, बता दें कि बबूल, नीम, बेर, पीपल, अर्जुन पलाश, सहजन यानी मोरिंगा, आम, ग्वार आदि के पेड़ों से गोंद मिलता है। काफी लोग बबूल का गोंद का इस्तेमाल करते हैं। इसके गोंद में न्यूट्रीशनल वैल्यू काफी ज्यादा होती है।

गोंद में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in Gum)

गोंद बहुत ही पोषकयुक्त है जो कि ताकत देता है, इसमे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, सोडियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभकारी हैं। गोंद में गैलेक्टोज ग्लुको क्रोनिक एसिड, ग्लाइकोप्रोटीन आदि पौष्टिक गुण होते हैं। इसमें कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट और मिनरल्स भी मिल जाते हैं। आप जिस पेड़ का गोंद खाएंगे उसके औषधीय गुण भी गोंद में आते हैं।

एक दिन में कितना गोंद सेवन करना चाहिए (How Much Gum Should be Consumed in a Day?)

सामान्यतः गोंद का सेवन 15 से 20 ग्राम तक किया जा सकता है। गोंद को रोज़ रात मे दूध मे भिगो कर रखें और सुबह इसका सेवन करें, ये काफी लाभकारी है।

गोंद और गोंद कतीरा में अंतर (Difference Between Gum and Gum Katira)

 

गोंद कतीरा और गोंद दोनों अलग-अलग चीज है। अक्सर लोग इन्हें एक ही समझते हैं। गोंद कतीरा थोड़ा मोटा होता है और इसमें किसी भी तरह की चमक नहीं होती। गोंद कतीरा की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका इस्तेमाल गर्मियों में अधिक किया जाता है। यह पानी और दूध में भिगोने पर फूल जाता है तो ये सारा पानी सोख लेता है और जेल जैसा बन जाता हैं। जबकि गोंद पानी और दूध में फूलता नहीं है, देखने में छोटा होता है और चमकदार होता है। गोंद की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका इस्तेमाल सर्दियों में लड्डू बनाने के लिए किया जाता है। हम आपको बता दें गोंद और गोंद कतीरा की न्यूट्रिशन वैल्यू लगभग एक जैसी ही होती है।लाभ भी एक जैसे होते हैं, बस इनकी प्रकृति में अंतर होता है गोंद कतीरा हमारे शरीर को ठंडक पहुँचता है और हीट स्ट्रोक में लाभकारी है जबकि गोंद हमारे शरीर को ठंडक से बचाता है।

गोंद का उपयोग किस प्रकार करें? (How to Use Gum?)

बबूल गोंद का प्रयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। आपको जैसे स्वाद लगे वैसे आप इसका सेवन कर सकते हैं क्यूंकि ये स्वाद में थोड़ा कसैला होता है और इसकी तासीर भी गर्म होती है। इसलिए ठंडी और मीठी चीजों के साथ इसका सेवन करें जैसे –

  • गोंद को अच्छी तरह भूनकर लड्डू बनाकर खा सकते हैं।
  • दही में मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
  • पंजाबी घरों में पंजीरी बहुत बनती है और वे लोग पंजीरी में भी इसे मिलाते हैं।
  • गोंद को पानी में डालकर सेवन किया जा सकता है।
  • आयुर्वेदिक औषधियां बनाने।
  • काढा बनाने में।
  • इसके आलावा गोंद का प्रयोग बेकरी, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, एनर्जी ड्रिंक्स और आइसक्रीम आदि बनाने में भी किया जाता है।

गोंद के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Gum)

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है (Increases Immunity) 

सर्दियों में अक्सर सर्दी-जुकाम की शिकायत रहती है, लेकिन अगर रोजाना गोंद के लड्डू का सेवन कर लिया जाए तो इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है, क्योंकि गोंद की तासीर गर्म होती है, जो ठंड की समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक है। अगर ब्रेकफास्ट में दूध के साथ गोंद के लड्डू का सेवन किया जाए तो इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होगी, साथ ही किसी भी बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी।

हड्डियों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Bones)

गोंद का सेवन हड्डियों(Bones) के लिए फायदेमंद होता है। क्योंकि गोंद में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। साथ ही इसके सेवन जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है। अगर आपको शरीर में दर्द का अनुभव होता है, तो गोंद के लड्डू जरूर खाएं। यह आपके जोड़ों को चिकनाई देता है, जोड़ों के दर्द से राहत देता है और मजबूत हड्डियों के विकास में सहायता करता है।

प्रसव के बाद (After Delivery)

गोंद के सेवन से स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके शिशु के लिए कई पोषक तत्व मिल जाते हैं। इसके सेवन से प्रेग्नेंसी के बाद महिला को पेट दर्द व रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है।इसका सेवन करने से थकान और कमजोरी तो दूर होती ही है, साथ ही स्तनपान के जरिए शिशु को भी इसका लाभ मिल जाता है।इसके अंदर पाया जाने वाला एडॉप्टोजेनिक गुण डिलीवरी के बाद महिला को स्वस्थ होने में मदद कर सकता है। साथ ही मानसिक तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है। इसका सेवन करने से थकान और कमजोरी तो दूर होती ही है, साथ ही स्तनपान के जरिए शिशु को भी इसका लाभ मिल जाता है।इसके अंदर पाया जाने वाला एडॉप्टोजेनिक गुण डिलीवरी के बाद महिला को स्वस्थ होने में मदद कर सकता है।

स्किन के लिए फायदेमंद (Beneficial for Skin)

गोंद में एंटी-एजिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो महीन रेखाओं और झुर्रियों को ठीक करने में मदद करते हैं। यह मुहांसे, दाग-धब्बे, त्वचा का रंग खराब होना और जलन का इलाज करने में भी मदद करता है। घाव भरना और दाग-धब्बे कम करना, पिंपल्स के लिए गोंद के कई फायदों में से दो हैं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, इस गोंद को फेस मास्क या फेस पैक के साथ मिलाएं।

कब्ज और एसिडिटी के लिए (For Constipation and Acidity) 

गोंद में मौजूद एंजाइम पाचन को बढ़ावा देते हैं और मल त्याग को नियमित करते हैं। यह कब्ज और दस्त दोनों से राहत दिलाने में मदद करता है। कब्ज या एसिडिटी होने पर गोंद का सेवन लाभकारी है। दिन में 1 बार इसका सेवन करें और पाएं कब्ज से छुटकारा। रात को सेाने से पहले इसके लड्‌डू या पाउडर को गरम दूध के साथ लेने से कब्ज की तकलीफ दूर होगी।खाने के तुरंत बाद एसिडिटी होने पर 4 चम्मच दूध के साथ 2-3 ग्राम गोंद लें। 

वजन कम करने के लिए (To lose Weight) 

गोंद खासकर बबूल के पेड़ का गोंद वसा (Fat) को कम करने में मदद करता है। बबूल पेड़ का गोंद यदि आप 4-5 सप्ताह खाएंगे, तो बॉडी मास इंडेक्स में कमी आएगी। इसमें डायटरी फाइबर भी अधिक होता है, जिससे वजन कम होता है। गोंद को आप दूध या पानी में मिलाकर पी सकते हैं।

गोंद खाने के नुकसान (Gum Side Effects)

सामान्य मात्रा में गोंद का सेवन करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं है, लेकिन अधिक मात्रा में खाए जाने पर शरीर में नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे कि-

  • गोंद का सेवन करने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है, इसलिए इस्तेमाल से पहले चिकित्सीय परामर्श लेकर ही इसका इस्तेमाल करें।
  • गोंद का अधिक मात्र में सेवन करने से बचे इसका अधिक सेवन शरीर के अंगों जैसे की लीवर व किडनी को ख़राब कर सकता है।
  • गर्भवती महिला या दूध पिलाने वाली महिला को गोंद का सेवन करने से पहले चिकित्सीय परामर्श जरूर लेना चाहिए।
  • गोंद का सेवन करने से पहले अपने शरीर को पूरी तरह से हाइड्रेट रखें क्योंकि इसका सेवन करने से नसें और आंतो के ब्‍लॉक होने का खतरा रहता है।
  • अगर आप पानी कम पीते हैं तो इससे अपच, कब्ज, ब्लोटिंग, सूजन और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


गोंद के लड्डू बनाने की रेसिपी (Gond Laddu Recipe)

गोंद के लड्डू बनाकार खाना इसके सेवन का सबसे आसान तरीका है।


सामग्री –इसके लड्डू को बनाने के लिए हमें गोंद, आटा, मेवा, मखाना, सूखा नारियल, इलाइची पाउडर, पिसी चीनी और घी चाहिए। 

विधि- सबसे पहले घी गर्म करें और गोंद को फ्राई करें। इसके बाद बादाम, काजू और मखाने को एक-एक करके भून लें और एक तरफ रख दें। बादाम, मखाना और काजू ठंडे होने पर इन्हें दरदरा पीस लीजिए। फिर एक कढ़ाई में घी डालें और आटा भून लें। आखिर में गोंद, मेवे और चीनी डालकर एक साथ मिला लें। तैयार मिश्रण से छोटे छोटे लड्डू बना लीजिए। लड्डू को ठंडा करके एयरटाइट जार में भर कर रख लें और पूरी ठंड इसका मजा लें। साथ ही गोंद के लड्डू में मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम शरीर को मजबूत बनाने में भी मददगार हैं, लेकिन लड्डू बनाते समय गोंद का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें, क्योंकि इसके ज्यादा इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

                                                                                                                                                                              रीना जैन

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