Kati Chakrasana

Kati Chakrasana: (Standing Spinal Twist Pose) इस आसन से कमर का फैट कम होता है।

योगासन शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह की सेहत को बेहतर रखने के साथ शारीरिक सक्रियता को बढ़ाने और दिनचर्या को व्यवस्थित रखने में मदद करते हैं। अगर आप अपने  शरीर को फिट बनाना चाहते हैं, तो इस योग का अभ्यास अपनी दिनचर्या में शामिल करे, कटि चक्रासन योग कमर के लिए बहुत ही अच्छा आसन है। इस आसन के नियमित अभ्यास से कमर का फैट कम होने लगता है और उसका लचीलापन बढ़ता है। कमर के अलावा ये हाथों और कंघों यों कहें पूरी अपरबॉडी के लिए अच्छी एक्सरसाइज है। कटिचक्रासन करना आसान है और यह आपको बहुत सारे लाभ देता है। आइए जानते हैं कि कटिचक्रासन करने से आपको क्या फायदे मिलते हैं और इसे करने का सही तरीका क्या है-

कटिचक्रासन क्या है (What is Katichkrasana?)

कटिचक्रासन तीन शब्दों (कटि, चक्र और आसन) के मेल से बना है। इसमें कटि का मतलब कमर, चक्र का मतलब पहिया और आसन का अर्थ मुद्रा है। कटि चक्रासन, जिसे स्टैंडिंग स्पाइनल ट्विस्ट पोज़ के रूप में भी जाना जाता है।इस आसन में कमर को दाईं और बाईं ओर मरोड़ना अर्थात् घुमाना होता है। ऐसा करते समय कमर पहिये की तरह घूमती है, इसलिए इसका नाम कटिचक्र रखा गया है। यह आसन शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता हैं। कमर की चर्बी को दूर कर उसे पतला बनाता हैं।

कटिचक्रासन योग करने की विधि (Steps to do Kati Chakrasana)

इस आसन से आप अधिक लाभ तभी ले सकते हैं जब इसको टेक्निकली सही तरीके से करते हैं।

  • सबसे पहले सावधान अवस्था में खड़े हो जाएँ।
  • पैरों के बीच कम से कम डेढ़ से दो फीट की दूरी होनी चाहिए।
  • दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैला लें।
  • इसके बाद अपने बाएं हाथ को दाएं कंधे पर रखें और दाएं हाथ को पीछे से धड़ के बाईं ओर लपेट लें।
  • धीरे-धीरे सांस लेते हुए मुंह को बाएं कंधे की ओर ले जाएं।
  • अब कुछ देर इसी स्थिति में खड़े रहें और फिर इसी क्रिया को दायीं ओर से इसी प्रकार दोहराएं।
  • इस आसन को कुछ समय तक दोनों तरफ करें और फिर श्वास छोड़ते हुए हाथों को नीचे लें आएँ।
  • इस प्रक्रिया को दोनों हाथों से 4-5 बार दोहराएं।

कटिचक्रासन करने से पहले यह आसन करें (Do this Asana Before doing Katichkrasana)

कटिचक्रासन योग का अभ्यास करने से पहले आपको कुछ आसन कर लेने चाहिए जिससे आपको कटिचक्रासन करने में आसानी होती है।

  • ताड़ासन
  • तिर्यक ताड़ासन

कटिचक्रासन के फायदे (Benefits of Katichkrasana)

वजन कम करने के लिए (To Lose Weight)

जिन लोगों को पेट की चर्बी की समस्या है, यह आसन उनके लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। यह आपकी कोर मसल्स को भी टोन करता है। जब आप इस आसन को नियमित रूप से करते हैं, तो आप अपना वजन कम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको इस आसन को अधिक देर तक करना चाहिए। 

कमर के लिए फायदेमंद (Beneficial for Waistline)

इस आसन से मुख्य रूप से कमर को लाभ पहुंचता है। कमर की सारी चर्बी गल जाती है और कमर पतली एवं सुडौल हो जाती है। इस आसन के करने से जब हम दाएं-बाएं घूमते हैं तो कमर की मांसपेशियां खिंचाव में आती हैं जिससे कमर लचीली व मजबूत बनती है| कमर दर्द नहीं होता। कटि चक्रासन मुख्य रूप से कमर का व्यायाम है। इस व्यायाम का मुख्य केन्द्र बिन्दु कमर है।

फेफड़ो के लिए फायदेमंद (Beneficial for Lungs)

इसके अभ्यास से आपकी छाती चौड़ी होती है और साथ ही साँस संबंधी रोग भी नहीं होते हैं। इसके साथ ही यह हमारे फेफड़ो के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होती है।इसको नियमित रूप के साथ करने से हमारी पसलियां लोचदार बनने लगती है और हमें श्वास रोग का सामना नहीं करना पड़ता।फेफड़ों के बार-बार श्वास भरने व छोड़ने के कारण फूलने व सिकुड़ने से ऑक्सीजन की अधिक मात्रा फेफडों में आती है तथा carbon dioxide बाहर निकलती है| फेफडों में सांस लेने की क्षमता बढ़ती है|

स्फूर्तिदायक और तनावमुक्ति (Energizing and Stress Relieving)

शरीर के किसी भी हिस्से में तनाव और थकान से निपटने के लिए ट्विस्ट एक बेहतरीन अभ्यास है। स्टैंडिंग साइड स्ट्रेच पोज़ का अभ्यास छाती, कंधों और पीठ को खोलता है, जो बदले में पूरे शरीर में प्राण (ऊर्जा) के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है। इसकी प्रकृति को देखते हुए, कोई भी कभी भी इसका अभ्यास कर सकता है, तंत्रिकाओं को आराम देते हुए पूरे शरीर को सक्रिय और ऊर्जावान बनाए रखता है।

पाचन को बेहतर करे (Improve Digestion)

यह पाचन, उत्सर्जन और प्रजनन अंगों सहित पेट में सभी अंगों को टोन करता है। इससे पाचन तंत्र को अच्छी मसाज मिलती है जिससे यह बेहतर फंक्शन करता है और आपका पाचन बेहतर होता है।

कटिचक्रासन योग करते समय सावधानियां (Precautions while doing Katichkrasana Yoga)

  • कमर को घुमाते समय घुटनों और पैरों को न मोड़ें।
  • इस योग को हमेशा सुबह खाली पेट ही करें।
  • योग करते समय शरीर को किसी भी प्रकार का झटका न दें।
  • इस आसन को करते समय अपने पैरों के तलवों को जमीन से ऊपर न उठाएं।
  • अगर आपको पीठ या गर्दन में तेज दर्द है तो यह आसन न करें।
  • स्लिप डिस्क की समस्या हो तो ये आसन नहीं करना चाहिए।
  • पीरियड्स होने पर भी ये आसन नहीं करना चाहिए। 

योग अभ्यास में सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या योग्य योग प्रशिक्षक से परामर्श करना उचित है।

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

                                                                                                                      रीना जैन

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