Used Cooking Oil

Used Cooking Oil: क्या खाना पकाने के तेल का बार-बार उपयोग करना सुरक्षित है?

यूज्ड कुकिंगऑयल का इस्तेमाल बेहद आम बात है। अक्सर घरों में बचे हुए कुकिंग ऑयल का खाने में इस्तेमाल किया जाता है। अक्सर पूरी, पकौड़े या कई अन्य पकवान बनाने के बाद बचे हुए तेल का इस्तेमाल करना काफी आम है। लगभग हर घर में लोग बचे हुए कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। कुछ तलने के लिए इस्तेमाल किए गए तेल को लोग बाद में सब्जी, पराठे या अन्य किसी व्यंजन को बनाने में इस्तेमाल कर लेते हैं। क्योंकि अक्सर लोग इसे नॉर्मल प्रोसेस मानते हैं कि खाना बनाने के बाद अगर तेल बचे तो उसे बाद में गर्म करके यूज कर लिया जाएगा। आपने दुकानों पर देखा होगा, कि वे लोग एक ही तेल को बार-बार गर्म करके उसका प्रयोग करते हैं। इस तेल में बनने वाले फूड का सेवन आप कितने चाव से करते हैं। लेकिन वह फूड किसी के लिए भी सही नहीं होता। तेल के पुन:उपयोग से तैयार खाद्य पदार्थों के लंबे समय तक उपयोग से मधुमेह, उच्च रक्तचाप,मोटापा, हार्ट डिसीज, डायबिटीज और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए बचे हुए तेल का बार-बार इस्तेमाल करना आपके लिए हो सकता है बेहद खतरनाक। आइए जानते कैसे-

बार-बार तेल को इस्तेमाल करने के नुकसान (Disadvantages of Repeatedly Used Oil)

अगर आप किसी भी तेल को ज्यादा देर तक पकाते हैं या फिर एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल करते हैं तो वो आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमे टॉक्सिक पदार्थ बनने लगते हैं। जिससे शरीर में फ्री रेडिकल्‍स की समस्‍या बढ़ सकती है,फ्री रेडिकल्‍स शरीर में सूजन और कई तरह की खतरनाक बीमारियों का कारण भी बन सकती है।

दिल की बीमारियां (Heart Diseases)

दोबारा उपयोग किए गए तेल में ट्रांस फैट की मात्रा और अधिक हो जाती है।जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। जब आप ट्रांस फैट को खाते हैं तो ये बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाता है। साथ ही इसके कारण आपके ब्लड सेल्स में प्लॉक जमा होने लगता है और ब्लड का सर्कुलेशन खराब हो जाता है। धीमे-धीमे ये हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है और फिर स्ट्रोक, कॉर्डियो वैस्कुलर डिजीज और हार्ट अटैक का कारण बनता है। 

कैंसर का जोखिम बढ़ाए (Increase Risk of Cancer)

तेल को दोबारा गर्म करने से वह कार्सिनोजेनिक हो जाता है।कार्सिनोजेन ऐसा एजेंट होता है जो कैंसर का कारण बनता है। एक रिसर्च के मुताबिक, जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो उसमें एल्डिहाइड (जहरीले तत्व)पैदा हो जाते हैं। फिर अगर कोई उस तेल में बने खाने को खाता है तो शरीर मेंटॉक्सिन्स पहुंच जाते हैं, जिससे शरीर को नुकसान हो सकता है। वहीं अधिक मात्रा में ऐसे तेल का प्रयोग करके कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है (Immunity Decreases)

एक ही खाना पकाने के तेल का उपयोग करके भोजन तैयार करने से शरीर में मुक्त कण भी बढ़ सकते हैं, जो बदले में सूजन का कारण बनते हैं। शरीर में उच्च सूजन आपकी प्रतिरक्षा को कम कर सकती है और आपको संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है। यदि आप प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों की तलाश में हैं, तो पुन: उपयोग किए गए खाना पकाने के तेल का सेवन न करके शुरुआत करें।

लिवर को नुकसान पहुंचाता है (Damages the Liver)

हमारे शरीर के सभी अंग महत्वपूर्ण हैं, और लीवर भी। यह चयापचय में एक प्रमुख भूमिका निभाता है और इसमें ग्लाइकोजन का भंडारण, प्लाज्मा प्रोटीन का संश्लेषण और दवाओं का विषहरण जैसे कई कार्य होते हैं। दोबारा इस्तेमाल किए गए खाना पकाने के तेल के सेवन से शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह रक्त में एंजाइमों के स्तर को बढ़ाता है जो लिवर की क्षति का संकेत है।

एसिडिटी और अपच (Acidity and Indigestion)

अगर आपको अक्सर गैस बनती है या पेट में जलन महसूस होती है, तो इसकी वजह भी यूज्ड कुकिंग ऑयल हो सकता है। स्ट्रीट फूड और रेस्तरां में यूज्ड कुकिंग ऑयल ही इस्तेमाल होता है। यहीं वजह है कि बाहर का खाना खाने से अक्सर लोगों के पेट में समस्या होने लगती है। बचे हुए तेल के दोबारा सेवन से आपको एसिडिटी, पेट में जलन, गले की समस्या और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है।

कुकिंग आॉयल दोबारा इस्तेमाल कर रही हैं, तो याद रखें ये बातें (Tips to Reuse Cooking Oil)

  • एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा इस्तेमाल करने से बचें। लेकिन तेल की मात्रा अगर ज्यादा हो और आप इसको फेंकना नहीं चाहते तो कुछ मामलों में ऐसा किया जा सकता है। हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि किस प्रकार का ऑयल इस्तेमाल कर रही हैं, वो सरसों का तेल है या रिफाइंड ऑयल।सरसों का तेल का इस्तेमाल दोबारा कर सकती है लेकिन रिफाइंड ऑयल के दोबारा इस्तेमाल से हमेशा बचें।
  • तेल को ठंडा होने दें और फिर इसे पेपर कॉफ़ी फ़िल्टर या पेपर टॉवल के माध्यम से छान लें और उसे एयरटाइट डब्बे में रखें। तेल को किसी ठंडी, अंधेरी जगह में रखें, रोशनी व नमी वाली जगह पर ना रखें। 
  • तेज़ आंच पर लंबे समय तक पकाने के बाद तेल बासी हो जाता है, जैसे कि हम डीप फ्राई करते हैं, उस तेल को दोबारा खाना पकाने में उपयोग करने की अनुशंसा नहीं की जाती है।
  • 3 महीने से अधिक समय से संग्रहीत तेल का दोबारा उपयोग न करें। इसे फेंक देना ही बेहतर है।

खाना पकाने का तेल कब दोबारा उपयोग न करें? (When not to Reuse Cooking Oil?)

  • दोबारा इस्तेमाल करते समय अगर अगर तेल पहले की तुलना में ज्यादा धुआं छोड़े तो उस तेल का यूज़ ना करें। 
  • यदि तेल का रंग या बनावट बदल गया है तो उसका दोबारा उपयोग न करें।
  • चिकना, गहरा और दुर्गंधयुक्त दिखने वाला तेल दोबारा इस्तेमाल करने पर शरीर को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
  • उच्च धूम्रपान बिंदु वाले तेल जैसे सरसों का तेल  , तिल का तेल , सूरजमुखी तेल का पुन:उपयोग किया जा सकता है। लेकिन तेल को दो बार से अधिक उपयोग करने से बचें।

आपके लिए कौन सा तेल अच्छा हैं? (Which Oil is Good for You?)

आप वो तेल  खाये जो शुद्ध हो। आपको अच्छा लगे उसका तेल निकलवाकर आप खा सकते हैं। लेकिन महा ऋषि बागवटजी अपनी पुस्तक में लिखते हैं अगर बर्फीली पहाड़ी इलाके में रहते हो तो आपके लिए तिल का तेल अच्छा है। और अगर आप मैदानी इलाके में रहते हैं जहां का वातावरण गर्म हो वहां के लिए सरसों का तेल अच्छा हो जो समुंद्र के किनारे रहते हैं। उनके लिए नारियल का तेल सर्वोत्तम बताया गया है।

एक्सपर्ट्स की मानें तो खाना बनाने के लिए ऑलिव ऑयल, कनोला ऑयल, जैतून का तेल सरसों का तेल, सोयाबीन, तिल का तेल सनफ्लार, राइस ब्रैन, मूंगफली का तेल या शुद्ध देसी घी का उपयोग कर सकते हैं।

सनफ्लावर, राइस ब्रान और सरसों का तेल ये तीन तेल आप अपने खाने में प्रयोग तब करें जब आपकों कुछ तलना है। यानी इन तेल को ज्यादा गर्म करने से नुकसान नहीं होता है। तलने के लिए वह तेल इस्तेमाल करें, जिसका स्मोक प्वाइंट अधिक हो। तीनों ही तेल का स्मोक प्वाइंट 227 डिग्री सेल्सियस है। यानी तलने यानी डीप फ्राई के लिए ये तेल सबसे बेस्ट हैं। क्योंकि इन तीनों तेल का तापमान काफी ज्यादा है। इन तेल का प्रयोग तड़का देने या तलने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। जैतून का तेल जो स्वास्थ्यप्रद तेलों में से एक है, सलाद और हल्के तलने के लिए अच्छा है।

ये तेल इंडियन कुकिंग के हिसाब से अच्छे हैं।जब भी आप मार्केट से तेल खरीदें हैं तो केमिकली एब्स्ट्रैक्ट ऑयल की बजाय कोल्ड कंप्रेस्ड  ऑयल खरीदें। कोल्ड कंप्रेस्ड में बिना कोई केमिकल मिलाए बेहद कम तापमान पर तेल निकाला जाता है। खाने के तेल में मूफा (मोनो अन सैचुरेटेड)और पूफा (पॉली अन सेचुरेटेड), दोनों का बेहतर तालमेल होना चाहिए। जब भी तेल खरीदें तो चेक कर लें कि ऑयल में ट्रांस फैट जीरो होना चाहिए। अनसैचुरेटेड फैट्स में रिफाइंड तेल और वनस्पति घी मुख्य रूप से शामिल हैं। ये खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं और गुड कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। अभी से रिफाइंड तेल को खाना बंद करें और शुद्ध तेल खाना शुरू करें। 

यूज्ड कुकिंगऑयल का उपयोग कैसे कम करें? (How to Reduce the Usage of Reheated Edible oil?) 

  • घर का बना खाना प्राथमिकता दें।
  • बाहर जाते समय घर का बना खाना ले जाएं।
  • ताजा ही पकाएं।
  • तेल को बहुत अधिक समय तक गर्म न करना।
  • तलने से पहले खाद्य पदार्थों में नमक न मिलाना।
  • कोशिश करें एक बार में उतना ही तेल डालें, जो एक बार में खत्म हो जाए।
  • डिब्बा बंद खाने कम ही उपयोग करें।
  • कुकीज़ , चिप्स जैसै पदार्थों से बचें।
  • रेडी टी यूज का कम इस्तेमाल करे।
  • यह एक प्रभावी और आसान तरीका है।

नोट: तेल के पुन: उपयोग के दौरान होने वाले रासायनिक परिवर्तन हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे ट्रांस वसा और मुक्त कणों का स्तर बढ़ सकता है। स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए, जब भी संभव हो तलने के लिए ताजे तेल का उपयोग करे। लगातार एक ही प्रकार तेल खाने से अच्छा है तेल बदल-बदल कर इस्तेमाल करें। इससे शरीर को सभी जरूरी फैटी एसिड मिलेंगे। 

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

                                                                                                                                                                              रीना जैन

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