बॉडी में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने के नेचुरल तरीके (Natural Ways to Increase the Level of Oxygen in the Body)

बिना ऑक्सीजन मानव जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षणों में से एक है बॉडी का ऑक्सीजन लेवल कम होना। हमारा रक्त शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने और उसे शरीर के प्रत्येक अंगों तक सुचारु रूप से व्यवस्थित करने का कार्य करता है।  खून में ऑक्सीजन की कमी को हाइपोक्सेमिया अथवा ‘ऑक्सीजन की कमी’ कहा जाता है।  शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कई तरीकों से बढ़ाया जा सकता है। अपनी आदतों और खानपान में बदलाव लाकर, सुपाच्य भोजन लेकर, मॉर्निंग वाक, प्राणायाम, योग, मेडिटेशन, खुली हवा में सांस लेना और छोडऩा, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन आदि ऐसे कई उपाय है जो आपके शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारें में-  

ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए

Premium Vector | Woman using pulse oximeter device on finger

विश्व स्वास्थ्य संगठन मुताबिक एक स्वस्थ्य व सामान्य इंसान में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 95 से 100 प्रतिशत के बीच होना चाहिए।वैसे तो ब्लड में 95 से 100 फीसदी के बीच का ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल माना जाता है। 95 फीसदी से कम ऑक्सीजन लेवल किसी परेशानी की ओर इशारा करता है। लेकिन अगर पल्स ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन का लेवल 93 या 90 से नीचे दिखा रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बॉडी में ऑक्सीजन की कमी से इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है वो कमजोर होते जाता है जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम होने के लक्षण

  • शरीर में ऑक्सीजन की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है।
  • ऑक्सीजन की कमी के कारण थकान महसूस होती है व सांस फूलने लगती है।
  • ऑक्‍सीजन की कमी के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ा जाता है। होठों व चेहरे का रंग नीला पड़ना ।
  • ऑक्‍सीजन की कमी से ब्रेन हैमरेज व हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  • मधुमेह रोगियों में ऑक्सीजन की कमी के कारण रक्त में शुगर अचानक बढ़ जाता है जो जानलेवा होता है।
  • ऑक्सीजन की कमी से थायरॉइड हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ जाता है।
  • ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा कमी होने से ह्रदय एवं मस्तिष्क काम करना बंद कर देते हैं।

इंडोर प्लांट्स लगाएं

अपने आस-पास पेड़ पौधे लगाएं। ये आपके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को नियंत्रित करेंगे। नासा की एक रिसर्च के अनुसार इंडोर प्लांट्स कार्बन डाइ ऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलने के साथ हवा में ऐसे रसायन जो कैंसर का कारण बनते हैं को प्यूरीफाय करते हैं।ये प्लांट्स बिना खर्चे के आपके लिए रोजाना ऑक्‍सीजन मुहैया कराते रहेंगे।आज हम आपको बताते है किन किन पौधों से घरों में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाया जा सकता है।

तुलसी

तुलसी के पौधे से हमार धार्मिक नाता ही नहीं इस पौधे की कई खूबियां है। जिन्हे जानने के बाद आप भी इस पौधे को अपने घर में जरूर लगाएंगे। तुलसी का पौधा एक मात्र ऐसा पौधा है जो 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है।तुलसी का पौधा कार्बन मानो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड व सल्फर डाईऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों को भी सोख लेने की क्षमता रखता है।

एरेका पाम

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हवा को शुद्ध करने और ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए इस पौधे को कमरों, घरों में लगाया जाता है। यह पौधा कमरे की सारी अशुद्धियाँ हटा कर हवा को शुद्ध बनाता है और आपको बेहतर ऑक्सीजन प्रदान करता है। यह घर में मौजूद केमिकल्स को भी खत्म करता है, और आपको स्वच्छ और ताजी हवा प्रदान करता है।

स्‍नेक प्‍लांट

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इस पौधे की खासियत यह है कि यह रात के समय में भी ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन करता है. यह पौधा जहरीली गैसों को ऑब्‍जर्व कर लेता है। ये पौधा खिड़की से आने वाली सूरज की रोशनी में भी काफी अच्छे से उग जाता है।स्नेक एक सामान्य हाउसप्लांट है जिसे संसेविया ट्रिफ़सिआटा भी कहा जाता है। स्नेक प्लांट घर के अंदर की वायु यानी कि इनडोर एयर को फ़िल्टर करने में मदद करता है।

एलोवेरा

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इसे घृत कुमारी के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इसके कई और औषधीय उपयोग हैं। इसे पानी देने की बहुत कम जरूरत होती है। 

चाइनीज एवरग्रीन

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चायनीज़ एवरग्रीन्स पौधा भी ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने वाले पोधो में से एक है।इस पौधे की खास बात है कि यह पौधा हर परिस्थिति में जीवित रह लेता है। यह हवा से फॉर्मल्डेहाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, बेंजीन जैसे हानिकारक तत्वों को हटा कर शुद्ध ऑक्सीजन देता है ।

पीस लिली

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पीस लिली का पौधा वातावरण को क्लीन करने और वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है इस पौधे में बहुत अधिक पत्तियां होती है जो ऑक्सीजन की मात्रा को बढाता है।

ब्रॉड लेडी पाम

Green Raphis Palm for Garden, Rs 250 /plant Leafy Labs Private Limited |  ID: 22151212055


इसे बैंबू प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। यह हवा को फ्रैश रखने का काम करता है। आप इसे घर के अंदर भी लगा सकते हैं। इसको लगाने दूषित हवा शुद्ध हो जाएगी। इसे आप अपने घर में कहीं भी लगा सकते हैं।

आयरन युक्त भोजन करें

I made a page of all the plant foods highest in iron. : vegan

 आयरन हमारे लाल रक्त कोशिकाओं के लिए आवश्यक खनिज है, जो कोशिकाएं शरीर के चारों ओर रक्त का परिवहन करती हैं। ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने और उसे मेनटेन किए रहने के लिए आयरन रिच फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें।  आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों के बेहतर स्रोत हैं। हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, बीन्स, दालें, केला, एवोकाडो  और ब्रोकोली, सेब, जैसे फलियाँ, इत्यादि।

एंटीऑक्सिडेंट

How do Antioxidants work to promote good health?

एंटीऑक्सिडेंट शरीर को अधिक कुशलता से ऑक्सीजन का उपयोग करने और पाचन के दौरान ऑक्सीजन को बढ़ाने की अनुमति देते हैं। अधिक एंटीऑक्सिडेंट प्राप्त करने के लिए रिच फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें। हमें ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, किडनी बीन्स, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, विटामिन एफ है, जो रक्त में हीमोग्लोबिन ले जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। यह एसिड सोयाबीन, अखरोट और फ्लैक्ससीड्स में पाया जाता है।आम, नींबू, तरबूज, पपीता और अजमोद ऐसे फल हैं जो हमारी किडनी को साफ रखने में मदद करते हैं। विटामिन से भरपूर ये फल हमारे खून में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने में भी सहयक होते हैं। तरबूज में भारी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा इसमें लाइकोपेन, बीटा केरोटिन और विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। 

अंकुरित अनाज

अंकुरित अनाज जहां सेहत के लिए फायदेमंद होता है, वहीं यह शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने का काम भी करते हैं. इसके लिए आप अंकुरित चना, दाल और मूंग अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।  अंकुरित अनाज फाइबर के भरपूर स्रोत होते हैं। ये रक्त में ऑक्सीजन बढ़ाने के बेहतर विकल्पों के तौर पर भी इस्तेमाल किए जाते हैं। 

योग व प्राणायाम,एक्सरसाइज

प्राणायाम में अनुलोम -विलोम प्राणायाम, कपालभांति,  भस्त्रिका प्राणायाम और ओम का जाप  इससे फेफडों का आरोग्य अच्छा रहता है। रोजाना सिर्फ 15 मिनट ये प्राणायाम करने से शरीर का ऑक्सीजन इनटेक बढ़ जाता है 

आसनों में – सुखासन, पद्मासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, मार्जरासन, अधोमुखश्वानासन, मत्स्यासन, ये सभी आसन नियमित करने से डायफ्राम की मांसपेशियों की ताकत अच्छी रहती है। प्राणायाम और योगासन करते वक्त जब हम नाक से सांस लेते हैं तो सांस की धीमी गति के कारण फेफड़ों में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अवशोषित होता है और शरीर की ऑक्सीजन/ प्राणवायु के स्तर में सुधार होता है।

एक्सरसाइज- शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में आई कमी को ठीक करने के लिए काफी कारगर एक्सरसाइज है। सांस से संबंधित समस्या वाले मरीजों के लिए प्रोन पोजिशन काफी प्रभावी हो सकता है। इसे करने से धीरे-धीरे ऑक्सीजन लेवल बढ़ने लगता है और व्यक्ति सामान्य की स्थिति में आ जाता है। कोरोना मरीजों के लिए प्रोन पोजिशन को काफी कारगर बताया जा रहा है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और पूरे शरीर तक खून पहुंचता है। 

खुली हवा में लें सांस और धूप लें

Relaxation by Rosie Phillpot on Dribbble

लोग पूरा-पूरा दिन घरों में कूलर, एसी, पंखे में रहते हैं। इससे उन्हें प्राकृतिक हवा मिल ही नहीं पाती है और बीमार होने लगते हैं। हमें कई प्रकार की बीमारियां घेर लेती है। इसलिए अपनी आदत में बदलाव करें सुबह-सबरे सैर को जाएं। ये भी संभव न हो तो अपने घर की बालकनी या छत पर कुछ देर खुली हवा में सांस लें। सुबह-सुबह घर के खिडक़ी व दरवाजे खोलें ताकि ताजी हवा कमरे में पहुंच सके और साथ में सूर्य का प्रकाश भी। क्योंकि ये दोनों ही हमारे स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है। हो सके तो सुबह सूर्य उगने से 10 बजे तक की धूप में कुछ देर अपने को रखें। इससे एक ओर आपको सूर्य से विटामिन डी मिलेगा। दूसरा रोगाणुओं का नाश होगा। 

हाइड्रेट रखें

If you're not drinking a glass of water every morning to rejuvenate your  organs..sorry 2 say U LOST | Sports, Hip Hop & Piff - The Coli

ऑक्सीजन की तरह ही पानी शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर में करीब 70 प्रतिशत जल होता है। पानी की कमी होने पर ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगता है। नारियल पानी किसी वरदान से कम नहीं है। यह विटमिन्स और मिनरल्स का नैचरल सोर्स होता है। इससे शरीर में पानी की कमी तो पूरी होती ही है, साथ ही  इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटमिन-सी और मिनरल्स होते हैं। ध्यान रखें कि कैफीन युक्त पेय, शराब और उच्च सोडियम वाले खाद्य पदार्थ शरीर को डिहायड्रेट करते हैं। इसलिए इनका सेवन ना  करें और दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं।

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।

                                                                                                                                                                              रीना जैन


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